भगत सिंह के पैतृक घर, स्कूल और गांव के पुनर्नवीकरण के लिए 80 लाख रुपये की स्वीकृति 17 फरवरी 2014 को प्रदान की गई. स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भगत सिंह का पैतृक घर , स्कूल और गांव पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के फैसलाबाद जिले में स्थित है.
इस राशि का उपयोग गांव और स्कूल में समुचित एवं पेयजल की व्यवस्था और जल निकास के प्रबंधन में किया जाना है.
इसके अलावा, फैसलाबाद जिला सरकार की यह योजना है कि फैसलाबाद संग्रहालय और पुस्तकालय से भगत सिंह के सामान को उनके घर में शिफ्ट किया जाएगा.
भगत सिंह
भगत सिंह अविभाजित भारत के एक स्वतंत्रता सेनानी थे. उनका जन्म 28 सितंबर 1907 में पंजाब प्रान्त के फैसलाबाद (तत्कालीन लायलपुर ) जिले में जरनवाला तहसील के बंगा गांव में हुआ था. उनके पिता का नाम सरदार किशन सिंह और माता का नाम विद्यावती कौर था.
23 मार्च 1931 में लाहौर षडयंत्र केस में भगत सिंह के साथ उनके दो साथियों राजगुरु और सुखदेव को 23 वर्ष की उम्र में सदमन चौक पर ब्रिटिश सरकार ने फांसी दे दिया था.
अक्टूबर 2012 में पंजाब सरकार ने फावरा चौक को भगत सिंह चौक का नाम देने का निर्णय लिया था, परन्तु बाद में इसे रोक दिया गया.
भगत सिंह एक भारतीय समाजवादी थे और इन्हें भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के सबसे प्रभावशाली क्रांतिकारियों में से एक माना जाता रहा है.
वह अक्सर शहीद भगत सिंह के रूप में जाने जाते थे.
एक किशोर के रूप में , उन्होंने यूरोपीय क्रांतिकारी गतिविधियों का भी अध्ययन किया और अराजकतावादी और मार्क्सवादी विचारधारा की ओर आकर्षित हुए. उन्होंने एक किताब भी लिखी जिसका शीर्षक था “मैं नास्तिक क्यों हूँ: एक आत्मकथात्मक लेख” (Why I am an Atheist: An Autobiographical Discourse).
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