6 जनवरी 2015 को पाकिस्तानी संसद ने 21 वां संविधान संशोधन विधेयक 2015 तथा सेना अधिनियम ( संशोधन) विधेयक 2015 पारित कर दिया. इन दो विधेयकों के पारित होने के बाद देश में सैन्य अदालतों की स्थापना का रास्ता साफ हो गया है.
अब इन दो विधेयकों को राष्ट्रपति के पास उनके अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा.
इन संशोधनों को दोनों ही सदनों, नेशनल असंबली (नीचला सदन) और सीनेट (उपरी सदन) में सर्वसम्मति से पारित किया गया.
संविधान संशोधन विधेयक नीचले सदन में बिना किसी विरोध के 237 मतों से पारित किया गया जबकि पाकिस्तान सैन्य (संशोधन) विधेयक भी सर्वसम्मति से पारित हुआ. किसी भी सांसद द्वारा विरोध में वोट नहीं डालने के कारण दोनों ही विधेयकों को उपरी सदन में सर्वसम्मति से मंजूर कर लिया गया.
मंजूरी के लिए संविधान संशोधन विधेयक को 342 सीटों वाली नेशनल असेंबली और 104 सीटों वाली सीनेट में दो– तिहाई बहुमत हासिल करना था. दूसरी तरफ पाकिस्तान सैन्य (संशोधन) विधेयक को मंजूरी के लिए दोनों ही सदनों से आम बहुमत की जरूरत थी.
21वां संविधान संशोधन विधेयक 2015
इस संशोधन के अनुसार संविधान के अनुच्छेद 175 के प्रावधानों के तहत पाकिस्तान सैन्य अधिनियम 1952, पाकिस्तान सैन्य अधिनियम 1953, पाकिस्तान नौसेना अधिनियम 1961 और पाकिस्तान संरक्षण अधिनियम 2014 के मामलों में व्यक्तियों के ट्रायल के लिए आवेदन नहीं किया जाएगा.
पाकिस्तान सैन्य (संशोधन) अधिनियम 2015
इसके जरिये पाकिस्तान सैन्य अधिनियम 1952 में संशोधन किया गया तथा इसमें एक नई उप धारा (4) को जोड़ा गया. इसके अनुसार इसे पाकिस्तान सैन्य अधिनियम के अधिकार क्षेत्र के तहत आने वाले किसी भी आरोपी के व्यक्ति की अदालती कार्यवाही को किसी भी अदालत या विशेष अदालत में हस्तांतरण करने का अधिकार होगा.
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