प्रतिभूति कानून (संशोधन) विधेयक, 2014 लोकसभा में ध्वनि मत से 6 अगस्त 2014 को पारित हुआ. यह विधेयक सेबी को धोखाधड़ी निवेश योजनाओं पर कार्रवाई करने और मामले की जांच से सबंधित किसी भी संस्था से जानकारी लेने के लिए अधिकार प्रदान करता है. इस विधेयक को प्रतिभूति कानून (संशोधन) अध्यादेश, 2014 जिसे कि 28 मार्च 2014 को लागू किया गया था, का स्थान लेना है.
प्रतिभूति कानून (संशोधन ) विधेयक, 2014 की मुख्य बातें
• यह भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) को किसी भी व्यक्ति से संबंधित जानकारी या रिकॉर्ड प्राप्त करने के लिए बुलाने का अधिकार प्रदान करता है.
• विधेयक में सेबी के अध्यक्ष को फर्जी योजनाओं के मामलों में तलाशी लेने, खाते सील करने और उन्हें बंद करने के आदेश देने का प्रावधान है.
• इस विधेयक में सेबी को एक अरब रूपये से अधिक मूल्य की सभी धन जमा करने वाली योजनाओं का नियमन करने का अधिकार भी दिया गया है.
• यह विधेयक समझौते के लिए अधिकार प्रदान करता है.
• यह सेबी को विशेष अदालत स्थापित करने का अधिकार प्रदान करता है.
• इसमें सेबी को धन वसूलने के अधिकार का प्रावधान है.
• निर्णायक अधिकारी द्वारा लगाए गए जुर्माने को बढ़ाने के लिए बोर्ड को अधिकार है.
• यह सेबी को मुंबई में विशेष अदालत के तहत जांच करने संबंधी अनुसंधान और जब्ती ऑपरेशन करने की भी शक्ति देता है.
• प्रतिभूति कानून (संशोधन) विधेयक, 2014 ने सेबी अधिनियम की धारा 15A-HB में संशोधन किया है और हर एक उल्लंघन के लिए एक न्यूनतम जुर्माने की सिफारिश की है.
प्रतिभूति कानून (संशोधन) अध्यादेश-2014, से पहले का क़ानून सेबी को तभी खोज अभियान करने की अनुमति देता था जब उसे उस क्षेत्र के मजिस्ट्रेट से अनुमति मिल जाती है. ऐसा करने से गोपनीयता खत्म हो जाती है. इससे पहले, सेबी अधिनियम की धारा 15A-HB में विभिन्न अपराधों के लिए एक ही स्तर का जुर्माना लगाया जाता था लेकिन उसमें न्यूनतम स्तर के जुर्माने या रेंज की बात नहीं थी और न ही उसमें निर्णायक अधिकारी के विवेक का प्रयोग किया जाता था.
पृष्ठभूमि
भारतीय प्रतिभूमित विनिमय बोर्ड (सेबी) को सशक्त बनाने और अनियंत्रित जमा लेने तथा धोखाधड़ी निवेश योजनाओं के खिलाफ कार्यवाही करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने प्रतिभूति कानून (संशोधन ) अध्यादेश-2013, 18 जुलाई 2013 को लागू किया था. इसके बाद 12 अगस्त 2013 को सेबी अधिनियम 1992 में संशोधन करने और प्रतिभूति संविधान (विनियमन) अधिनियम, 1956 और खजाना (डिपॉजिटरीज) अधिनियम, 1996 में संबंधित बदलाव करने के लिए प्रतिभूति कानून (संशोधन ) विधेयक, 2013 को लोकसभा में पेश किया गया.
प्रतिभूति कानून (संशोधन ) अध्यादेश-2013 की समय सीमा खत्म हो जाने के बाद प्रतिभूति कानून (संशोधन) दूसरा अध्यादेश-2013, 16 सितंबर 2013 को लागू किया गया. इसकी समय सीमा भी 16 जनवरी 2014 को समाप्त हो गई.
तत्पश्चात प्रतिभूति कानून (संशोधन) अध्यादेश, 2014, 28 मार्च 2014 को लागू किया गया. यह अध्यादेश भी 18 जुलाई 2014 को समाप्त हो गया.
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