उत्तराखंड के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के हवाई सर्वेक्षण के बाद प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने बाढ़ आपदा राहत के लिए 1000 करोड़ रूपए की घोषणा की. इसमें से 145 करोड़ रूपए की राशि तत्काल जारी की गई. इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने सभी केंद्रीय एजेंसियों को निर्देश दिया कि सभी एजेंसियां राज्य में अपने स्तर पर सभी संभव सहायता प्रदान करें.
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से प्रत्येक पीड़ित परिवार को 2-2 लाख रूपए दिए जाने हैं जिन्होंने इस विध्वंस में अपने परिजन खोए हैं. घायलों को 50-50 हजार रूपए की अनुग्रह राशि दी जानी है. इसके अलावा उन लोगों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 1-1 लाख रूपए की सहायता भी दी जानी है जिनके घर पूरी तरह नष्ट हो गए हैं और 50-50 हजार रूपए की राशि उन्हें दी जानी है जिनके घर क्षतिग्रस्त हुए हैं.
इसके अलावा विभिन्न राज्य सरकारों ने भी बाढ़ग्रस्त उत्तराखंड के लिए राहत पैकेज की घोषणा की.
• उत्तर प्रदेश ने 25 करोड़ रुपए
• दिल्ली और महाराष्ट्र ने 10-10 करोड़ रुपए
• मध्य प्रदेश ने 5 करोड़ रुपए
• गुजरात तथा राजस्थान ने 2-2 करोड़ रूपए
उत्तराखंड में ताजा अनुमानों में मृतकों का आंकडा 102 सामने आया है पर आशंका है इसमें और बढोत्तरी हो सकती है. अब तक 10 हजार से अधिक लोगों को बचाया गया है और उन्हें भोजन, कपड़े, तथा शरण दी गई है. अभी भी कई लोग फंसे हुए है. सबसे अधिक क्षति केदारनाथ और उसके आस पास के क्षेत्र में हुई है.
केन्द्र और राज्य सरकार ने इस विकट त्रासदी से निपटने के लिए तुरंत सभी संभव संसाधन तैनात कर दिए हैं. राहत और बचाव के उपायों में सेना के लगभग 5500 जवान और अधिकारी, सीमा सड़क संगठन के 3000 कर्मी तथा भारत तिब्बत सीमा पुलिस के 600 जवान लगे हैं. राष्ट्रीय आपदा बचाव समूह के 13 दलों को तैनात किया गया. भारतीय वायुसेना ने 18 हेलीकॉप्टर और एक सी-130 विमान राहत और बचाव कार्यों में लगाए. राज्य सरकार ने इसके लिए निजी हेलीकॉप्टरों को भी तैनात किया.
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