फराज अहमद द्वारा लिखित एसासिनेशन ऑफ राजीव गांधी, एन इनसाइड जॉब?
एसासिनेशन ऑफ राजीव गांधी, एन इनसाइड जॉब? नाम की किताब का लोकार्पण 19 अगस्त 2014 को किया गया. इसके लेखक हैं फराज अहमद. किताब का लोकार्पण वरिष्ठ पत्रकार विनोद मेहता ने किया.
किताब के लोकार्पण के मौके पर लेखक ने राजीव गांधी की हत्या को कॉन्ट्रैक्ट जॉब बताया जिसका विचारधारा या लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल इलम (अपराध के आरोपी) से कोई संबंध नहीं है.
एसासिनेशन ऑफ राजीव गांधी, एन इनसाइड जॉब के बारे में
किताब से यह पता चलता है 21 मई 1991 को लिट्टे द्वारा राजीव गांधी की हत्या कराया जाना एक मिथक है और इसे पिछले तेईस वर्षों से बनाए रखा गया है. इस मिथक को इसलिए बनाए रखा गया था क्योंकि कांग्रेस पार्टी को इस बात का डर था कि वर्ष 1991 मे होने वाले आम चुनावों में राजीव गांधी जीत नहीं सकते. इसके अलावा इस किताब में न सिर्फ षडयंत्रों या साजिशों के बारे में बात की गई है बल्कि इसमें मिथक को तोड़ने की भी कोशिश की गई है और ऐसे समय में जब राजीव गांधी की सत्ता में वापसी की कोई संभावना नहीं थी उनकी हत्या के कारणों को भी खोजती है.
फराज अहमद के बारे में
फराज अहमद प्रिंट पत्रकार हैं और उन्हें अपराध और राजनीति को कवर करने का खासा अनुभव है. उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस, द पायोनियर, द डेक्कन क्रॉनिकल, द एशियन एज और चंडीगढ़ के द ट्रिब्यून जैसी भारत के कई मुख्य धारा के अंग्रेजी दैनिकों में काम किया है.

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