वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच ने चालू वित्त वर्ष 2012-2013 में देश की आर्थिक वृद्धि दर 6 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया. एजेंसी के अनुसार नीतिगत चूक तथा आर्थिक वृद्धि की प्रवृत्ति में गिरावट से भारत की वित्तीय साख घट सकती है. एजेंसी के अनुसार निवेश माहौल में सुधार, जिससे बुनियादी ढांचा में निवेश को समर्थन मिले और मुद्रास्फीति में सतत रूप से गिरावट से मौजूदा रेटिंग बीबीबी बरकरार रखने में मदद मिलेगी.
इससे पूर्व एजेंसी ने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था. देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष 2012-2013 की दूसरी तिमाही में 5.3 प्रतिशत रही, जो इससे पूर्व वित्त वर्ष 2011-2012 की समान तिमाही में 6.7 प्रतिशत थी.
विदित हो कि फिच ने जून 2012 में भारत की रेटिंग परिदृश्य स्थिर से नकारात्मक कर दिया था.
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