बिहार अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष नौशाद अहमद ने 3 अगस्त 2015 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सौंपा.
नौशाद अहमद ने बिहार में अल्पसंख्यकों को राजनीतिक मोहरा बनाये जाने को अपने इस्तीफे का मुख्य आधार बताया. उनके अनुसार, अल्पसंख्यकों को डराकर कथित धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक पार्टियां वोट हासिल करती आ रही हैं.
अल्पसंख्यक आयोग से संबंधित मुख्य तथ्य:
केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग का गठन रा.अ.आ अधिनियम 1992 के अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित पांच धार्मिक अल्पसंख्यकों मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध एवं पारसी समुदाय के हितों की रक्षा के लिए किया. आयोग में एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष और पांच सदस्य हैं जो कि अल्पसंख्यक समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं. इसी आधार पर राज्यों में भी राज्य अल्पसंख्यक आयोग का गठन किया गया.
राज्य जैसे आंध्रप्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, झारखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्यप्रेदश, मणिपुर, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश तथा पश्चिम बंगाल में भी राज्य अल्पसंख्यक आयोगों का गठन किया गया है. इन आयोगों के कार्यालय राज्यों की राजधानियों में स्थित हैं. आयोगों का कार्य संसद तथा राज्य विधान-मंडलों द्वारा संविधान में अधिनियमित विधियों में अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा करना है.
Now get latest Current Affairs on mobile, Download # 1 Current Affairs App

Comments
All Comments (0)
Join the conversation