दूरसंचार न्यायाधिकरण टीडीसैट ने वोडाफोन और बीएसएनएल के बीच नेटवर्क संयोजन से संबंधित शुल्क को लेकर हुए विवाद की जांच के लिए दो सदस्यीय समिति का गठन किया. टीडीसैट (TDSAT: Telecom Disputes Settlement & Appellate Tribunal) ने दूरसंचार विभाग के पूर्व सलाहकार जे गोपाल और दूरसंचार विभाग एवं भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के पूर्व सदस्य आरएन प्रभाकर को इस समिति का सदस्य नियुक्त किया. गठित की गई समिति इस बात की संभावनाएं तलाशेगी कि क्या संसाधनों में वृद्धि किए बिना बीएसएनएल भी अपने उपकरणों में बदलाव कर सकती है या नहीं?
वोडाफोन और बीएसएनएल के बीच नेटवर्क संयोजन से संबंधित शुल्क को लेकर हुए विवाद की जांच न्यायमूर्ति एसबी सिन्हा की अध्यक्षता वाली टीडीसैट की पीठ को करनी है. ज्ञातव्य हो कि इस मामले में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी बीएसएनएल की वोडाफोन से सरेंडर चार्ज की मांग को लेकर विवाद की स्थिति बनी थी. वोडाफोन द्वारा अपना मोबाइल स्विचिंग सेंटर संचालन कार्य सीमंस के बजाय एरिक्सन को सौंपे जाने पर बीएसएनएल ने इस शुल्क की मांग की थी. बीएसएनएल का तर्क है कि नए उपकरणों का उपयोग पोर्ट व्यवस्था से अलग होने का तरीका है इसलिए पूरे साल के लिए शुल्क अदा किया जाना चाहिए. पोर्ट वह स्थान होता हैं जहां से दो कंपनियों के दूरसंचार उपभोक्ताओं को संचार के लिए एकदूसरे के नेटवर्क से जोड़ा जाता है.
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