बोइंग 787 विमान ने विमानन जैव ईंधन के रूप में पहली बार ग्रीन डीजल का उपयोग कर दुनिया की पहली उड़ान 3 दिसंबर 2014 को पूरी की. ग्रीन डीजल वनस्पति तेल, बेकार खाना पकाने के तेल और पशु वसा से बना एक स्थायी जैव ईंधन है. बोइंग 787 विमान ने पारंपरिक जेट ईंधन के साथ एक विमान के जैसे ही प्रदर्शन किया.
कंपनी के इको-डिमॉन्स्ट्रेटर 787 विमान ने परीक्षण उड़ान 2 दिसंबर को भरी. इसके बाएं इंजन के ईंधन में 15 फीसदी ग्रीन डीजल और 85 फीसदी पेट्रोलियम जेट फ्यूल इस्तेमाल किया गया. इस उड़ान का परीक्षण अमेरिकी फेडरल एविएशन प्रशासन, रोल्स रॉयस और प्रैट एंड व्हिटनी के संयुक्त तत्वाधान में किया गया.
कंपनी कमर्शियल एविएशन में इस ईंधन को स्वीकार करने और विमानन उद्योग के पर्यावरणीय लक्ष्यों को हासिल करने में मदद के लिए ऐसे कई इको-डिमॉन्स्ट्रेटर उड़ानों के आंकड़े उपलब्ध कराएंगी.
स्थायी जैव ईंधन
• स्थायी ग्रीन डीजल व्यापक रूप से उपलब्ध है और इसका उपयोग भूमि परिवहन में उपयोग किया जाता है.
• ग्रीन डीजल रासायनिक रुप से विमानन जैव ईंधन एचईएफए (हाइड्रो-प्रसंस्कृत एस्टर और फैटी एसिड) के समान है जिसे वर्ष 2011 में 2011 में मंजूरी मिलीं.
• ग्रीन डीजल स्थायी विमानन जैव ईंधन बनाने के लिए एक जबरदस्त अवसर प्रदान करता है
• ग्रीन डीजल के इस्तेमाल की काफी संभावनाएं हैं. इसका इस्तेमाल यात्रियों के लिए भी किफायती होगा.
• अमेरिका, यूरोप और एशिया में कुल 800 मिलियन गैलन ग्रीन डीजल का उत्पादन करने की क्षमता है, जो दुनिया की कुल एक फीसदी जेट फ्यूल की मांग को तुरंत पूरा कर सकता है.
• एक जीवन चक्र के आधार पर, उत्पादित स्थायी ग्रीन डीजल जीवाश्म ईंधन की तुलना में 50 से 90 प्रतिशत तक कार्बन उत्सर्जन को कम कर देता है.
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