एयरोस्पेस श्रेणी की कंपनी बोइंग ने टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के साथ 9 नवम्बर 2015 को एयरोस्ट्रक्चर्स बनाने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किये. दोनों कंपनियां भारत में अत्याधुनिक तकनीक के विकास पर मिलकर काम करेंगी.
विमान के एयरफ्रेम का एक हिस्सा एयरोस्ट्रक्चर कहलाता है, इसमें फ्यूजलेज, विंग्स या फ्लाइट कंट्रोल सर्फेसेज का पूरा हिस्सा या कुछ भाग शामिल हो सकते हैं. दोनों कंपनियों ने जारी एक संयुक्त वक्तव्य में कहा कि बोइंग-टाटा का संयुक्त उद्यम बोइंग एएच-64 अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर के लिए एयरोस्ट्रक्चर्स बनाएगा. साथ ही, यह बोइंग प्लेटफॉर्म्स के मामले में कमर्शियल और डिफेंस सेगमेंट्स में मैन्युफैक्चरिंग के लिए अतिरिक्त कामकाज हासिल करने की कोशिश करेगा.
टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स पर पूरा मालिकाना हक टाटा संस के पास है. टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स इस ग्रुप की स्ट्रैटेजिक एयरोस्पेस और रक्षा इकाई है. अमेरिका की बोइंग दुनिया की सबसे बड़ी एयरोस्पेस कंपनी है.
बोइंग के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (डिफेंस, स्पेस एंड सिक्योरिटी) क्रिस चाडविक के अनुसार 'इस साझेदारी को भारत की औद्योगिक क्षमता, इनोवेशन और टैलेंटेड लोगों का फायदा मिलेगा. '
यह संयुक्त उद्यम सरकार के 'मेक इन इंडिया' अभियान में सहायक होगा. टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स भारत की चुनिंदा प्राइवेट कंपनियों में शामिल है, जो एयरक्राफ्ट और हेलीकॉप्टर, दोनों की मैन्युफैक्चरिंग और एसेंबलिंग का काम करती हैं. टाटा ग्रुप की 90 में से 14 कंपनियां डिफेंस और एयरोस्पेस सेक्टर में काम कर रही हैं.
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