केंद्र सरकार ने बड़ी परियोजना में तेजी से निवेश की अनुमति देने हेतु मंत्रिमंडलीय निवेश समिति (सीसीआई) की स्थापना को 13 दिसंबर 2012 को मंजूरी प्रदान की. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय किया गया.
प्रधानमंत्री डाक्टर मनमोहन सिंह मंत्रिमंडलीय निवेश समिति (सीसीआई) के प्रमुख होंगे और समिति के अन्य सदस्यों का नामांकन भी करेंगे. मंत्रिमंडलीय निवेश समिति (सीसीआई) सम्बद्ध मंत्रालयों के लिए निश्चित समय सीमा के भीतर 1 हजार करोड़ रूपए या इससे अधिक की लागत वाली परियोजनाओं को तेजी से मंजूरी प्रदान करेंगी.
केंद्रीय वित्त मत्री पी चिदंबरम ने सबसे पहले इस तरह के एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति के गठन का प्रस्ताव किया था. उन्होंने इसे राष्ट्रीय निवेश बोर्ड का नाम दिया था. मंत्रिमंडल ने हालांकि इसके नाम को बदलते हुए इसे मंत्रिमंडल की निवेश मामलों की समिति नाम दिया. समिति में बुनियादी ढांचा क्षेत्रों से जुड़े विभागों के मंत्री सदस्य होंगे.
विदित हो कि पर्यावरण मंत्री जयंती नटराजन ने इस बारे में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर एनआईबी गठित करने को लेकर अपनी आपत्ति जतायी थी. उनके अनुसार ऐसा कुछ नहीं होना चाहिए, जिससे बड़ी परियोजनाओं के लिए जरूरी हरित मंजूरी को नजअंदाज किया जाए.
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