भारत और चीन के मध्य व्यापार घाटा कम करने के उद्देश्य से तीन सहमति पत्र (एमओयू) और एक समझौते पर 20 मई 2013 को हस्ताक्षर किए गए. यह तीन एमओयू भैंस के मांस, मछली उत्पाद, औषधियों के निर्यात से संबंधित है, जबकि समझौता चारे और चारा सम्बंधी अवयवों के व्यापार को आसान करने से सम्बंधित है. इन समझौतों पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग की मौजूदगी में सम्बंधित अधिकारियों ने हस्ताक्षर किए.
केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा वित्त वर्ष 2012-13 में बढ़कर 40.77 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो वर्ष 2001-02 में 1.08 अरब डॉलर था. इसके साथ ही वित्त वर्ष 2012-13 में द्विपक्षीय व्यापार बढ़कर 67.83 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो वित्त वर्ष 2001-02 में 2.09 अरब डॉलर था. वित्त वर्ष 2011-12 में चीन भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन गया था और तब दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़कर 75.59 अरब डॉलर हो गया था.
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