भारत और भूटान के मध्य 2120 मेगावाट क्षमता की तीन और पनबिजली परियोजनाओं के निर्माण के लिए एक अंतर सरकारी समझौते (Inter-Governmental Agreement) पर हस्ताक्षर किए गए. भूटान और भारत के बीच यह 'अंतर सरकारी समझौता' दोनों सरकारों के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के माध्यम से संयुक्त उद्यम जलविद्युत परियोजनाओं के विकास के लिए किया गया.
इस अंतर सरकारी समझौते (Inter-Governmental Agreement) पर भारत के केन्द्रीय ऊर्जा सचिव पीके सिन्हा और भूटान के आर्थिक मामलों के मंत्रालय में सचिव सोनम शेरिंग ने भूटान की राजधानी थिम्पू में 22 अप्रैल 2014 को हस्ताक्षर किए.
इस समझौते के बाद दोनों देशों के बीच पनबिजली उत्पादन क्षेत्र में सहयोग बढ़कर 6476 मेगावाट क्षमता का हो गया.
विदित हो कि दोनों देशों के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के जरिए विद्युत उत्पादन की कुल 4356 मेगावाट की छह परियोजनाओं पर पहले ही काम चल रहा है जिनमें 1416 मेगावाट क्षमता की तीन परियोजनाओं में उत्पादन शुरू हो चुका है जबकि 2940 मेगावाट क्षमता वाली तीन परियोजनाओं में वर्ष 2018 तक उत्पादन शुरू होना है.
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