भारत और श्रीलंका के बीच फेरी और नौका सेवा 15 जून 2011 को पुनः शुरू हो गई. उत्तरी श्रीलंका में जातीय हिंसा के कारण 1983 के बाद नौका सेवाएं बंद कर दी गयीं थीं. तुतिकोरन से दो सौ यात्रियों को लेकर रवाना हुआ जहाज स्कोटिया प्रिंस कोलंबो पहुंचा. श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त अशोक के कांत तथा श्रीलंका के वरिष्ठ अधिकारी इसके आगमन के समय बन्दरगाह पर उपस्थित थे. इस लग्जरी जहाज में एक हजार से अधिक लोगों के बैठने की क्षमता है. समुद्री जहाज, विमान की तुलना में यात्रियों के लिए सस्ता विकल्प है और इसमें प्रत्येक यात्री को 100 किलोग्राम तक सामान ले जाने की अनुमति होती है. दोनों बंदरगाहों की दूरी लगभग 12 घंटे में तय की जाएगी. रामेश्वरम और तलाईमनाल से भी ऐसी ही नौका सेवा की शुरूआत करने की योजना है.
विदित हो कि यह नौका सेवा वर्ष 2010 में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और श्रीलंकाई राष्ट्रपति महेन्दा राजपक्षे की संयुक्त घोषणा का परिणाम है. इससे दोनों मुल्कों की जनता को यात्रा के लिए एक और सस्ता विकल्प मिल गया.
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