भारत और स्वीडन के बीच आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए छह समझौतों पर 1 जून 2015 को हस्ताक्षर किए गए. यह समझौते भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की पांच दिवसीय दो देशों- स्वीडन और बेलारूस की यात्रा के प्रथम चरण के दौरान की गई. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफन लॉफवेन की उपस्थित में स्टॉकहोम में इन समझौतों पर हस्ताक्षर किए गये.
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की यह यात्रा 31 मई 2015 को शुरू हुई और 2 जून 2015 तक वह स्वीडन में तथा इसके बाद 2-4 जून 2015 के बीच बेलारूस के दौरे पर रहे.
प्रणब मुखर्जी स्वीडन का दौरा करने वाले पहले भारतीय राष्ट्रपति हैं.
हस्ताक्षरित करारों / एमओयू की सूची
संपोषणीय शहरी विकास के क्षेत्र में सहयोग के लिए एमओयू: इस एमओयू का उद्देश्य संपोषणीय विकास तथा पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भारत और स्वीडन के बीच घनिष्ठ एवं दीर्घावधिक सहयोग को बढ़ावा देना है. सहयोग के क्षेत्रों के तहत वैश्विक संपोषणीय शहरी विकास के मुद्दों पर वार्ता एवं अंत:क्रिया, ज्ञान का आदान प्रदान, क्षमता निर्माण सहित संस्थानिक सहयोग, संपोषणीय शहरी विकास के संबंध में अनुसंधान एवं विकास तथा वाणिज्यिक संबंध शामिल हैं.
भारत के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय तथा स्वीडन के उद्यम एवं नवाचार मंत्रालय के बीच एमओयू: इस एमओयू उद्देश्य सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (एसएमएमई) से संबंधित साझेदारी परियोजनाओं, संस्था दर संस्था और उद्यम दर उद्यम सहयोग का बढ़ावा देना, आपसी हित के क्षेत्रों में एमएसएमई के विकास पर नीति निर्धारण एवं अनुसंधान में सूचना एवं अनुभवों के आदान प्रदान को प्रोत्साहित करना, एमएसएमई के विकास के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों एवं अवसरों की पहचान करने के लिए औद्योगिक संभावना सर्वेक्षण एवं संभाव्यता अध्ययन के विकास को प्रेरित करना तथा प्रौद्योगिकी अंतरण तथा संपोषणीय कारोबारी गठबंधन शुरू करने के लिए कारोबारी मिशन के आदान प्रदान को सुगम बनाना है.
राजनयिक पासपोर्ट धारकों के लिए वीजा से छूट पर करार: यह करार भारत एवं स्वीडन के ऐसे नागरिकों की एक दूसरे के देश में प्रविष्टि को सुगम बनाएगा जो राजनयिक पासपोर्ट धारक हैं. इसका उद्देश्य मैत्रीपूर्ण संबंधों को सुदृढ़ करना है.
ध्रुवीय एवं महासागर अनुसंधान में सहयोग हेतु भारत के पृथ्वी प्रणाली विज्ञान संगठन तथा स्वीडिश ध्रुवीय अनुसंधान सचिवालय के बीच मंशा पत्र: यह मंशा पत्र वैज्ञानिक क्षमता में वृद्धि करके, संयुक्त अनुसंधान एवं सर्वेक्षण की गतिविधियों का आयोजन करके, शिक्षा, प्रशिक्षण एवं अनुंसधान के मामलों आदि सूचनापरक सामग्री का आदान प्रदान करके ध्रुवीय (अंटार्कटिक एवं आर्कटिक) तथा महासागर अनुसंधान के क्षेत्रों में सहयोग को प्रोत्साहित करने के लिए है.
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद तथा स्वीडिश स्वास्थ्य, कार्यकारी जीवन तथा कल्याण अनुसंधान परिषद के बीच मंशा ज्ञापन : यह करार स्वास्थ्य एवं अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग के लिए दोनों संस्थाओं की मंशा को रिकार्ड करता है.
भारत के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन तथा स्वीडिश चिकित्सा उत्पाद एजेंसी के बीच मंशा ज्ञापन: यह करार, जो स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारत और स्वीडन के बीच चल रहे सहयोग का पूरक है, फार्माको सतर्कता, संबद्ध मामले में इलेक्ट्रानिक प्रस्तुति, नैदानिक परीक्षण, औषधि, चिकित्सा डिवाइस एवं नैदानिक किट, कास्मेटिक एवं हाइजेनिक उत्पादों के क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने तथा विनिर्माण की अच्छी प्रथाओं के संबंध में सूचना एवं अनुभवों के आदान प्रदान के लिए है.
इसके अलावा भारत और स्वीडन के विभिन्न विश्वविद्यालयों ने शिक्षा से संबंधित 16 समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए. दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश के अवसरों बढ़ाने पर भी चर्चा की. स्वीडन भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है. राष्ट्रपति ने मेक इंडिया कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए भी विचारों का आदान-प्रदान किया.
स्वीडन ने स्थायी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की सदस्यता और मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (MTCR) की सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी का समर्थन किया.
मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (एमटीसीआर, MTCR)
मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (एमटीसीआर, MTCR) की स्थापना वर्ष 1987 में की गई थी. यह एक स्वैच्छिक संगठन है जिसमें व्यापक विनाश के हथियार ले जाने में सक्षम मानवरहित प्रणाली के अप्रसार का पक्ष करने वाले 34 देश शामिल हैं.


Comments
All Comments (0)
Join the conversation