केंद्रीय गृह मंत्री अरुण जेटली ने भारत का पहला स्वदेश निर्मित स्टेल्थ पनडुब्बी–रोधी युद्धपोत (एंटी–सबमरीन वारफेयर–एएसडब्ल्यू) आईएनएस कामोरता को भारतीय नौसेना में 23 अगस्त 2014 को शामिल किया. इसे विशाखापत्तनम के नौसेना पोतगाह पर शामिल किया गया.
आईएनएस कामोरता नौसेना में भारत का पहला ऐसा पोत है जिसकी सभी हथियार प्रणालियां भारत में ही बनाई गई हैं.
आईएनएस कामोरता को 12 जुलाई 2014 को गार्डेन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) ने भारतीय नौसेना को सौंपा था. अग्रमि पंक्ति के इस अत्यधिक–परिष्कृत युद्धपोत को जीआरएसई के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, रीअर एडमिरल (सेवानिवृत्त) एके वर्मा, वीएसएम ने पोत के कमांडिंग ऑफिसर कमांडर मनोज झा को औपचारिक रूप से सौंपा था.
एंटी–सबमरीन वारफेयर (पनडुब्बी–रोधी पोत) आईएनएस कामोरता के बारे में
- इस युद्धपोत का निर्माण राज्य स्वामित्व वाले गार्डेन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) ने कोलकाता में किया.
- कामोरता हमारे चार एएसडब्ल्यू स्टेल्थ लड़ाकू पोतों में से है जिसका डिजाइन भारतीय नौसेना के इनहाउस संगठन, नौसेना डिजाइन महानिदेशालय (डीएनडी), ने बनाया और इसका निर्माण जीआरएसई ने किया.
- आईएनएस कामोरता में उन्नत स्टेल्थ सुविधाएं हैं जिसकी वजह से इसका पता लगाने की संभावना कम हो जाती है.
- यह विशाखापत्तनम के पूर्वी कमान का हिस्सा बनेगी.
- कामोरता पर कम दूरी वाली जमीन से हवा में मार करने वाली (सरफेस–टू–एयर) मिसाइलें (एसएएम) लगी होंगीं.
- इसमें एक्टिव टो ऐरे डीकोय सिस्टम (एटीडीएस) भी लगा है.
- यह एएसडब्ल्यू हेलीकॉप्टर को भी ले जा सकता है.
- यह स्वदेशी विशेष ग्रेड की उच्च तन्यता (डीएमआर 249ए) की स्टील से बना है जिसका उत्पादन सेल (स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया) ने किया है.
- रेल–लेस हेलिकॉप्टर ट्रैवर्सिंग सिस्टम इस युद्धपोत को अन्य युद्ध पोतों पर मौजूद प्लेटफॉर्म से अलग बनाता है.
- इसमें मोड़े जा सकने वाला हैंगर दरवाजा भी है.
- इस पर वर्ष 2006 मे काम शुरु किया गया था.
- इससे पहले जून 2014 में प्रधानमंत्री ने भारत के स्वदेशी डिजाइन वाले युद्धपोत आईएनएस कोलकाता (डी63) के साथ भारत के सबसे बड़े युद्ध पोत आईएनएस विक्रमादित्य को राष्ट्र को समर्पित किया था.
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