भारत की सबसे बड़ी साफ्टवेयर सेवा कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने जापान की कंपनी मित्सुबिशी कॉरपोरेशन के साथ मिलकर एक संयुक्त उपक्रम बनाने संबंधी समझौते पर 21 अप्रैल 2014 को हस्ताक्षर किया.
इस करार के तहत 'टीसीएस जापान, आईटी फ्रंटीयर कॉरपोरेशन (मित्सुबिशी की 100 प्रतिशत सहायक आईटी कंपनी) और निप्पन टीसीएस सॉल्यूशन सेंटर (एनटीएससी) का आपस में विलय करके एक कंपनी बनाई जानी है.
इस संयुक्त उपक्रम में टीसीएस की हिस्सेदारी 51 प्रतिशत और मित्सुबिशी की हिस्सेदारी 49 प्रतिशत है. विलय के बाद बनने वाली आईटी कंपनी का वार्षिक कारोबार 37 करोड़ रूपए (60 करोड़ डॉलर) से अधिक का होगा और यह जुलाई 2014 से काम करने लगेगी. वहीं, इससे वित्त वर्ष 2014-15 में टीसीएस के राजस्व में 2272 करोड़ रूपए (37.5 करोड़ डॉलर) की बढ़ोत्तरी होने का अनुमान लगाया गया है.
टीसीएस जापान की व्यक्तिगत संपत्ति के अलावा नए संयुक्त उपक्रम के लिए भारतीय कंपनी पांच करोड़ डॉलर का नगद भुगतान करेगी. वित्त वर्ष 2013-14 में टीसीएस जापान का राजस्व 10 करोड़ डॉलर था.
नए संयुक्त उपक्रम का नाम अभी तय नहीं किया गया है.
नई कंपनी की जापानी बाजार में बड़ी हिस्सेदारी होगी.
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