केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) विनोद राय की अध्यक्षता में लेखा परीक्षा सलाहकार बोर्ड (एएबी) का गठन किया गया. भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक को इस बोर्ड का पदेन (ex-officio) अध्यक्ष बनाया गया. इस बोर्ड का मुख्य कार्य लेखा परीक्षा से संबंद्ध मामलों में भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक को परामर्श देना और संविधान के ढांचे तथा सीएजी के संवैधानिक आदेशों के अंतर्गत कार्यनिष्पादन में सुधार लाना है. बोर्ड के सदस्यों का कार्यकाल (मानद हैसियत से) दो वर्ष का है. लेखा परीक्षा सलाहकार बोर्ड की पहली बैठक दिल्ली में 17 अगस्त 2011 को आयोजित करने का निर्णय लिया गया. बोर्ड के सदस्य निम्नलिखित हैं.
दिल्ली की पूर्व मुख्य सचिव शैलजा चन्द्रा, सार्वजनिक वित्त परामर्शदाता टी सेतुमाधवन, नीति अनुसंधान केन्द्र के अध्यक्ष प्रताप भानु मेहता, यूनिसेफ की सलाहकार डॉ एके शिवकुमार, अर्घायम अध्यक्ष रोहिणी नीलकणी, जेपी मोरगन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की मुख्य कार्यकारी अधिकारी कल्पना मोरपरिया, विज्ञान एवं पर्यावरण केन्द्र की महानिदेशक सुनीता नारायण, आईसीआईसीआई बैंक के अध्यक्ष केवी कामथ, और सामाजिक कार्यकर्ता शबाना आजमी.
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