बिहार, झारखंड, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, राजस्थान और असम में पहली बार जिला स्तर पर हुए वार्षिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण (Annual Health Survey) के नतीजे 10 अगस्त 2011 को जारी किए गए. नौ राज्यों के 284 जिलों में संचालित वार्षिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण में जन्म से एक साल तक के बच्चों की मौत (नवजात शिशु मृत्यु दर) के मामले में उत्तराखंड का रुद्रप्रयाग जिला प्रति हजार जन्म में 19 मौत के अनुपात के साथ सबसे अच्छी स्थिति में रहा, जबकि इस मामले में उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिला 103 मौत के साथ सबसे बुरी स्थिति में पाया गया.
ज्ञातव्य हो कि वर्ष 2015 तक नवजात शिशु मृत्यु दर को राष्ट्रीय स्तर पर 28 तक लाने का लक्ष्य रखा गया है. वार्षिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण (Annual Health Survey) के अनुसार झारखंड के पूर्वी सिंहभूमि और धनबाद व उत्तराखंड के चमौली, रुद्रप्रयाग, पिथौड़ागढ़ और अल्मौड़ा जिलों ने यह लक्ष्य हासिल कर लिया है.
सीबीआर (Crude Birth Rate, अशोधित जन्म दर) जो प्रति एक हजार की जनसंख्या पर जन्मों का मापन है उसे उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिला में अधिकतम 40.9 पाया गया. जबकि उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में न्यूनतम 14.7 अशोधित जन्म दर पाया गया. औसतन शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों के जिले में सीबीआर अधिक पाई गई.
सीडीआर (Crude Death Rate, अशोधित मृत्यु दर) जो प्रति एक हजार की जनसंख्या पर मृत्यु की संख्या को सूचित करती है, वह भी उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले में 12.6 पाई गयी जो अधिकतम है. जबकि असम के धेमाजी में न्यूनतम 4.5 की अशोधित मृत्यु दर की रिपोर्ट है. इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों के जिलों में मृत्यु दर शहरी मृत्यु दर की तुलना में काफी अधिक पाया गया.
वार्षिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण (Annual Health Survey) में पुरूषों की मृत्यु दरों की तुलना में महिला मृत्यु दरें कम पाई गयी हैं. प्रसव के दौरान माताओं की मौत के मामलों में इन राज्यों में जिले की बजाय मंडल स्तर पर अध्ययन किया गया. इसमें पाया गया कि उत्तराखंड में जहां प्रति लाख प्रसव में 183 महिलाओं की मौत होती है वहीं उत्तर प्रदेश के फैजाबाद मंडल में सबसे ज्यादा 451 महिलाओं की मौत होती है.
प्रति हजार लड़कों के मुकाबले पैदा होने वाली लड़कियों (जन्म के समय लिंगानुपात) के मामले में उत्तर प्रदेश का मुरादाबाद जिला सबसे बेहतर स्थिति (प्रत्येक हजार लड़कों के मुकाबले 1030 लड़कियां पैदा) में रहा. जबकि सबसे पीछे उत्तराखंड का पिथौरागढ़ जिला है, जहां हजार लड़कों के मुकाबले सिर्फ 764 लड़कियां पैदा हुई.
वार्षिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण (Annual Health Survey) के अनुसार झारखंड में प्रति हजार आबादी के अनुपात में सबसे कम जन्म हो रहे हैं. जिलेवार स्थिति पर गौर किया जाए तो उत्तराखंड का बागेश्वर जिला सबसे कम जन्म दर वाला जिला साबित हुआ, जबकि उत्तर प्रदेश का श्रावस्ती 40.9 के साथ सबसे ज्यादा जन्म दर वाला जिला रहा.
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