भारत ने औपचारिक रूप से 9 सितंबर 2014 को आसियान (दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन) के साथ निवेश एवं सेवा व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए. यह सेवा समझौता दोनों पक्षों के बीच जनशक्ति और निवेश के नए अवसर पैदा करने हेतु की गई. दस में से नौ आसियान देशों ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए. फिलीपींस द्वारा भी जल्द ही हस्ताक्षर किए जाने की उम्मीद है.
भारत और आसियान के बीच वस्तुओं के व्यापार से संबंधित करार पर वर्ष 2009 में हस्ताक्षर किए गए थे और यह करार 2010 से प्रभावी हो गया था. इस व्यापार समझौते के बाद से पिछले चार वर्षों में भारत और आसियान के बीच व्यापार में वृद्धि हुई. इसी को देखते हुए भारत ने निवेश एवं सेवा व्यापार संबंधी समझौता किया.
आसियान से संबंधित मुख्य तथ्य
दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन (एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन नेशंस- ‘आसियान’) दस दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों (ब्रूनेई, बर्मा, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, फिलिपींस, सिंगापुर, थाईलैंड एवं वियतनाम) का समूह है, जिसका गठन क्षेत्रीय आर्थिक विकास और समृद्धि को बढ़ावा देने और क्षेत्र में शांति और स्थिरता कायम करने हेतु 8 अगस्त, 1967 को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में हुआ. आसियान का मुख्यालय इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में स्थित है.
इसके संस्थापक सदस्य थाईलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलिपींस और सिंगापुर थे. ब्रूनेई इस संगठन में वर्ष 1984 में शामिल हुआ और वियतनाम वर्ष 1995 में. वर्ष 1997 में लाओस और बर्मा इसके सदस्य बने. वर्ष 1976 में आसियान की पहली बैठक में इसके सदस्यों के बीच बंधुत्व और सहयोग की संधि पर हस्ताक्षर किए गए. वर्ष 1994 में आसियान ने एशियाई क्षेत्रीय फोरम (एशियन रीजनल फोरम- एआरएफ) की स्थापना की, जिसका उद्देश्य सुरक्षा को बढ़ावा देना था. वर्तमान में अमेरिका, रूस, भारत, चीन, जापान और उत्तरी कोरिया सहित एआरएफ के कुल 23 सदस्य देश हैं.
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