तीन वैश्विक संगठनों ने 24 नवंबर 2014 को भारत में खुले में शौच को समाप्त करने के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए. यह समझौता तीन वर्ष के लिए है.
यह समझौता इन तीन संगठनों विश्व शौचालय संगठन (डब्ल्यूटीओ), वेस्ट (WASTE) एवं (FINISH) नामक संस्था के बीच हुआ. यह समझौता सभी नागरिकों के लिए स्वच्छता सुलभ और किफायती बनाने के लक्ष्य का हिस्सा है. समझौता ज्ञापन में स्वच्छता सर्वोच्च प्राथमिकता है और लाखों भारतीयों तक बुनियादी स्वच्छता सुविधाओं को पहुँचाने में मदद करने के लिए इसे अपनाया गया. इस समझौते का उद्देश्य खुले में शौच से देश को मुक्त बनाना और स्वच्छता प्रणालियों के निरंतर उपयोग को बढ़ावा देना है.
भारत में खुले में शौच की स्थिति
जनता में खुले में शौच की प्रथा है. यह सांस्कृतिक प्रथाओं को अपनाये रखने या शौचालयों की व्यवस्था नहीं होने का नतीजा हो सकता है.
भारत में दुनिया में खुले में शौच करने वाले लोगों की संख्या का सबसे अधिक है. संयुक्त राष्ट्र पेयजल और स्वच्छता 2014 की प्रगति रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक स्तर पर भारत में खुले में शौच करने वाले लोगों की सबसे ज्यादा संख्या (लगभग पचपन-साठ करोड़ लोग) है.
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