भारत व इस्राइल के बीच दोहरा कराधान टालने एवं सांस्कृतिक आदान-प्रदान हेतु 14 अक्टूबर 2015 को एक समझौता हुआ. यह समझौता राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के तीन देशों (जार्डन,फिलिस्तीन एवं इस्राइल) के यात्रा के अंतिम में यरुसलम में हुई.
विदित हो कि उपरोक्त समझौते से कर संबंधी सूचनाओं के कारगर ढंग से आदान-प्रदान के लिए अंतर्राष्ट्रीटय स्तर पर स्वीकृत मानकों के आधार कार्य होगा. जिनमें बैंक सूचनाएं और बगैर घरेलू कर हित वाली सूचनाएं भी शामिल हैं. इसमें इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि भारत के किसी निवासी के संबंध में इस्राइल से जो सूचनाएं प्राप्त होंगी, उन्हें इस्राइल के सक्षम प्राधिकरण से स्वीकृति मिलने के बाद अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ साझा किया जा सकता है. इसी तरह इस्राइल के किसी निवासी के संबंध में भारत से जो सूचनाएं प्राप्त होंगी, उन्हें भारत के सक्षम प्राधिकरण से स्वीकृति मिलने के बाद अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ साझा किया जा सकता है. इस समझौते का दुरुपयोग रोकने के लिए दुरुपयोग रोधी प्रावधान के रूप में ‘लाभ की सीमा’ अनुच्छेद का भी उल्लेुख किया गया है. इसके साथ ही साथ इसमें भारत एवं इस्राइल के बीच सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने की बात शामिल है.
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