भारत ने विश्व बैंक के साथ 24 अक्टूबर 2013 को उत्त2र प्रदेश जल क्षेत्र पुनर्गठन परियोजना के दूसरे चरण के लिए आवश्यक 360 मिलियन डॉलर की समराशि हेतु एक समझौते पर हस्ताक्षर किये. इस समझौते के माध्यम से उत्तर प्रदेश के कृषि इलाकों में सिंचाई की सुविधाओं को सुदृढ़ किया जाना है. परियोजना के समापन की तिथि 31 अक्तू बर 2020 है.
भारत की ओर से इस समझौते पर केंद्रीय वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग में विभाग में संयुक्त सचिव निलय मिताश और विश्वि बैंक की तरफ से विश्वक बैंक के कंट्री निदेशक ओनो रूल ने हस्ताक्षर किए. इस समझौते पर उत्तर प्रदेश राज्य सरकार की ओर से सिंचाई विभाग में प्रधान सचिव दीपक सिंघल ने हस्ताक्षर किए.
विश्व बैंक के साथ किये गये समझौते के अंतगर्त परियोजना का उद्देश्यन राज्ये सरकार को जल उपभोगकर्ता संघ (डब्यूक क यूए) का क्षमताज निर्माण करने, सिंचाई एवं जल निकासी व्यरवस्थास को कार्यक्षम बनाने और उसका आधुनिकीकरण करने, बांधों को कार्यक्षम बनाने, नदी बेसिन रणनीतियों का विकास करने, भू-जल अध्य्यन, ज्ञान आधार और बाढ़ प्रबंधन प्रणालियों में सरकार की सहायता करना है.
इस परियोजना के छह मुख्या संघटक है-
• राज्ये स्तकरीय जल संसाधनों और अंतर्क्षेत्र समन्वरयन को सशक्तक बनाना।
• सिंचाई एवं जल निकासी व्य वस्थात को कार्यक्षम बनाना और उसका आधुनिकीकरण करना
• सिंचाई संस्था न सुधारों का समेकन एवं वृद्धि
• कृषि उत्पा्दकता एवं खेत पर जल प्रबंधन बढ़ाना
• अगले चरण के लिए संभाव्यए अध्य यनों एवं तैयारी की गतिविधियां
• परियोजना समन्वएयन एवं निगरानी
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