भूमि अधिग्रहण (संशोधन) विधेयक, 2015 लोकसभा में 10 मार्च 2015 को ध्वनि मत से पारित हो गया. भूमि अधिग्रहण विधेयक में उचित मुआवजा और पारदर्शिता का अधिकार और पुनर्वास एवं पुनर्रव्यस्थापन अधिनियम-2013 में संशोधन लाने का फैसला किया गया.
विधेयक को पारित किए जाने से पहले केंद्र सरकार ने 29 दिसंबर 2014 को लागू किए गए विधेयक (50 से अधिक प्रस्तावित थे) में नौ संशोधन किए.
- भूमि अधिग्रहण से प्रभावित परिवारों व कृषि श्रमिकों के एक परिजन को नौकरी मिलना अनिवार्य.
- औद्योगिक कॉरिडोर की परिभाषा तय. इन कॉरिडोर के लिए सड़क या रेल मार्ग के दोनों ओर एक किमी तक भूमि अधिग्रहण होगा.
- सामाजिक ढांचागत परियोजनाओं के लिए सरकार जमीन अधिग्रहीत नहीं करेगी.
- निजी स्कूलों और निजी अस्पतालों के लिए भी भूमि अधिग्रहण नहीं होगा.
- सिर्फ सरकारी संस्थाओं, निगमों के लिए जमीन का अधिग्रहण.
- मुआवजा एक निर्धारित खाते में ही जमा कराना होगा.
- नए कानून के तहत दोषी अफसरों पर अदालत में कार्रवाई हो सकेगी.
- किसानों को अपने जिले में शिकायत या अपील का अधिकार देना.
- परियोजनाओं के लिए बंजर जमीनों के अधिग्रहण.
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