भारत का महत्वाकांक्षी मिशन मंगलयान मंगल ग्रह की कक्षा में 24 सितंबर 2014 को प्रवेश कर गया. इसके साथ भारत मंगल तक पहुंचने वाला न सिर्फ पहला एशियाई देश बन गया है, बल्कि अपने प्रथम प्रयास में सफलता प्राप्त कर एक नया रिकॉर्ड बनाया.
यान को कक्षा में स्थापित करने की प्रक्रिया सुबह 4:17 बजे ही शुरू हो गई थी. सुबह 07:17:32 बजे 440 न्यूटन की लिक्विड अपोजी मोटर (Liquid Apogee Motor) और आठ छोटे तरल इंजन 24 मिनट 16 सेकेंड के लिए चालू किया गया. यान की गति को 22.57 किमी/ सेकेंड से कम कर 4.6 किमी/सेकेंड किया गया था, जिससे यान मंगल ग्रह की कक्षा में आसानी से प्रवेश कर गया. सुबह 7:58 पर प्रक्रिया पूरी हो गई. मिशन पूरा होने की पुष्टि सुबह 8:01 बजे हुई. इस पूरी प्रक्रिया में 249.5 किलो ईधन का इस्तेमाल हुआ.
इससे पहले इसरो ने 22 सितंबर 2014 को यान का इंजन चार सेकंड के लिए चालू किया था जो पूरी तरह सफल रहा. इसके द्वारा यान का परिपथ भी ठीक किया गया.
इसरो के इस ऐतिहासिक मिशन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी देश के वैज्ञानिकों का मनोबल बढ़ाने के लिए इसरो के केंद्र में उपस्थित थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुझे विश्वास था कि मोम (Mars Orbiter Mission, MOM) निराश नहीं करेगा. मंगल पर पहुंचने वाला भारत पहला एशियाई देश बन गया है, जो अपनी मंगल पर पहुंचने की पहली कोशिश में ही कामयाब रहा. मिशन की सफलता के लिए देश और देश के वैज्ञानिकों को बधाई. इसरो हर चुनौती को चुनौती देने में कामयाब है.
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