मलेरिया के परजीवी को मारने में सक्षम एक नये मॉलिक्यूल हीट शॉक प्रोटीन 90 (एचएसपी90) मार्च 2014 के तृतीय सप्ताह में खोज की गयी. यह नई खोज मलेरिया के कारगर इलाज में मददगार हो सकती है. खोज डिडिएर पिकार्ड के नेतृत्व में जेनेवा विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने की.
प्रक्रिया
टीम का लक्ष्य यह तय करना था कि क्या एचएसपी90 के मानव-रूप और परजीवी-रूप में कोई अंतर है और क्या वह इलाज के प्रयोजनों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है? टीम ने परजीवी के एचएसपी90 की विभिन्न त्रिविम संरचनाओं (Tridimensional Conformations) का वर्णन करने के लिए उन्नत कंप्यूटराइज्ड मॉडल टूल्स का इस्तेमाल किया. उन्होंने इन्हिबिटर तत्त्वों को बाँधने में सक्षम एक अन्य पॉकेट पाई, जो उसके मानवीय आल्टर ईगो में पूर्णत: अनुपस्थित थी.
टीम ने एक मिलियन रासायनिक यौगिकों वाली वर्चुअल लाइब्रेरी की स्क्रीनिंग करने के लिए सुपरकंप्यूटर का इस्तेमाल किया और इन्हिबिटर तत्त्वों को बाँधने की पॉकेट में फिट पाँच प्रवेशार्थी चुने. जैविक संरचनाओं के आधार पर नए लिगैंड्स (लिगैंडियंस) की खोज के लिए वर्चुअल स्क्रीनिंग कंप्यूटर-आधारित पद्धतियों का प्रयोग करती है.
एचएसपी90 और प्रवेशार्थी के बीच अंत:क्रिया के डायनामिक्स का विश्लेषण करने के लिए अनुरूपण (सिम्यूलेशंस) आयोजित किए गए. इसने इन्हिबिटर्स की खोज की ओर अग्रसर किया, जो विशेषकर प्लाजमोडियम फाल्सीपैरम शैपरोन के साथ अंत:क्रिया करते हैं.
बाद में मॉलिक्यूल्स की विभिन्न सिस्टम्स में इनवर्टो जांच की गई. जीवविज्ञानियों ने विशेषकर संदूषित लाल रक्त कोशिकाओं को प्रभावित किए बिना परजीवियों को मारने के लिए पर्याप्त डोजेज में प्लाजमोडियम फाल्सीपैरम कल्चर्स पर उन इन्हिबिटर्स की विषाक्तता प्रदर्शित की.
एचएसपी90 के बारे में
हीट शॉक प्रोटीन 90 (एचएसपी90) रोगजनक (पैथोजेन) के जीवन-चक्र, उत्तरजीविता और प्रतिरोध-शक्ति में संलग्न अनेक कारकों के लिए केंद्रीय भूमिका निभाता है. एचएसपी90 एक संरक्षक (शैपरोन) का काम करता है, जो सामान्य और तनावपूर्ण दोनों अवधियों में अन्य प्रोटीन्स की मदद करता है. तेज बुखार में एचएसपी90 प्लाजमोडियम में परजीवी-प्रोटीन्स की रक्षा करता है. एचएसपी90 मानव के लाल रक्त कोशिकाओं में पैथोजेन के मैच्यूरेशन में भी सहभागिता करता है.
मलेरिया के बारे में
• मलेरिया एक परजीवी-जन्य और मच्छर द्वारा संक्रमित बीमारी है. दो परजीवी-प्रजातियाँ प्लाजमोडियम फाल्सीपैरम और प्लाजमोडियम वाइवैक्स मनुष्यों में मलेरिया पैदा करती हैं.
• परजीवी लाल रक्त कोशिकाओं और यकृत कोशिकाओं में बढ़ता है और बुखार, रक्ताल्पता, वमन और मरोड़ पैदा करता है. इस बीमारी से गुर्दों की खराबी, स्थायी तंत्रिका-क्षति, कोमा और मृत्यु हो सकती है.
• मलेरिया का सबसे प्रचंड रूप प्लाजमोडियम फाल्सीपैरम के साथ इन्फेक्शन से उत्पन्न होता है और इस परजीवी का उन्मूलन भी ज्यादा कठिन है, क्योंकि यह इलाजों के प्रति प्रतिरोध-शक्ति पैदा कर लेता है.
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