यमन में सरकार विरोधी प्रदर्शनों को देखते हुए एक महीने तक आपातकाल की घोषणा कर दी गई. यमन के राष्ट्रपति अली अब्दुल्ला सालेह और समर्थकों के वर्चस्व वाली 301 सदस्यीय यमन संसद ने 23 मार्च 2011 को देश में आपातकाल लगाए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी. ज्ञातव्य हो कि यमन की राजधानी साना में लगभग 50 लोगों को सरकार विरोधी प्रदर्शनों के कारण 22 मार्च 2011 को मार दिया गया.
यमन में आपातकाल संबंधी नए कानून में संविधान के निलंबन, मीडिया पर सेंसर और प्रदर्शनों पर पाबंदी की गई. इससे सुरक्षा एजेंसियों को बिना किसी न्यायिक प्रक्रिया के नागरिकों को हिरासत में लेने और गिरफ्तार करने का अधिकार मिल गया.
अली अब्दुल्ला सालेह लगातार 32 सालों से यमन के राष्ट्रपति के पद पर बने हुए हैं. वह यमन के प्रथम और वर्तमान राष्ट्रपति हैं. वर्ष 1978 से वर्ष 1990 तक अली अब्दुल्ला सालेह यमन अरब रिपब्लिक (उत्तरी यमन) के राष्ट्रपति रहे. 22 मई 1990 से वह रिपब्लिक ऑफ यमन के राष्ट्रपति पद पर हैं.
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