स्विट्ज़रलैंड के यूबीएस एजी बैंक ने लंदन इंटरबैंक ऑफरड रेट (लिबोर) के साथ धोखाधड़ी के आरोप के बाद 20 मई 2015 को हर्जाने के रूप में 203 मिलियन अमेरिकी डॉलर देने पर सहमति जताई.
अमेरिका के न्याय विभाग द्वारा संचालित एंटी ट्रस्ट डिवीज़न के साथ बातचीत के बाद बैंक इस नतीजे पर पहुंचा.
वर्ष 2012 के पूर्व निपटान के अनुसार बैंक के जापान में स्थित सहायक कंपनी को अमेरिका में एक व्यापारिक समझौते में दोषी पाया जा चुका है लेकिन इस मामले में केवल अभिभावक कंपनी को ही जांच में सहयोग देने की अनुमति दी गयी थी.
लिबोर घोटाला
लिबोर विश्व के प्रमुख बैंकों द्वारा एक-दूसरे को दिए जाने वाले लघु अवधि के लोन के लिए एक तयशुदा मानक रेट है. प्रमुख 16 बैंकों द्वारा दिए जाने वाले ब्याज के आधार पर इसकी प्रतिदिन गणना की जाती है.
जांच में यह पता चला कि यूबीएस एजी ने अन्य बैंकों के साथ मिलकर लिबोर के अनुचित ब्याज दरों को प्रस्तुत किया ताकि उसे भुगतान के समय अधिक लाभ प्राप्त हो सके.
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