राउरकेला स्टील प्लांट ने 6 अक्टूबर 2014 को हॉकी खिलाड़ी बीरेन्द्र लाकरा को सम्मानित किया. बीरेन्द्र एशियाई खेलों में पुरुष हाकी के फाइनल मैच में पाकिस्तान को हरा कर 16 वर्षों बाद स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के हिस्सा थे.
लाकरा, जो कि सेल हॉकी अकादमी के पूर्व छात्र हैं, ने भारत के इंचियोन, दक्षिण कोरिया के अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
हॉकी में बीरेन्द्र लाकरा
• लाकड़ा की प्रतिभा को सबसे पहले सेल हॉकी अकादमी के कोच पीटर टर्की ने 2003 में हुए अंतर–विद्यालयी प्रतियोगिता के दौरान नोटिस किया और उन्हें सेल हॉकी अकादमी के डे-स्कॉलर में दाखिला दिलाया.
• वर्ष 2004 में, उन्हें सेल हॉकी अकादमी में बतौर कैडेट रखा गया था जहां 2009 तक उनकी प्रतिभा को निखारा गया.
• तिर्की, हर्मन लाकरा और राजूकांत सैनी जैसे अनुभवी कोचों के विशेषज्ञ मार्गदर्शन के साथ लाकरा ने अंतरराष्ट्रीय ख्याति के स्पोर्टस स्टार में अपनी जगह बनाई.
• लाकरा अब तक कई महत्वपूर्ण मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं जिसमें लंदन ओलंपिक 2012 और ग्लासगो राष्ट्रमंडल खेल 2014 भी शामिल है.
• बतौर खिलाड़ी लाकरा किसी भी पोजिशन से खेलने में सक्षम हैं.
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