मशहूर गज़ल गायक मेहदी हसन का पाकिस्तान के करांची में 13 जून 2012 को निधन हो गया. मेहदी हसन पाकिस्तान के नागरिक थे, पर उनका जन्म भारत के राजस्थान स्थित झुंझुनू जिले के लुना गांव में 18 जुलाई 1927 को हुआ था.
भारत-पाकिस्तान बंटवारे के समय मेहदी हसन का परिवार पाकिस्तान चला गया. मेहदी हसन कलावंत कुटुंब के पारंपरिक संगीतकारों की 16वीं पीढ़ी से थे. संगीत में मेहदी हसन की दीक्षा उनके पिता और ध्रुपद गायक उस्ताद अजीम खान व चाचा उस्ताद इस्माइल खान ने दी थी.
मेहदी हसन ने अपने संगीत करियर की शुरुआत 1957 में पाकिस्तानी रेडियो से ठुमरी गायक के रूप में की थी. हालांकि मेहंदी हसन धीरे-धीरे ध्रुपद की बजाय गज़ल गाने लगे. वह अपने परिवार के पहले गायक थे जिसने गज़ल गाना शुरू किया था. शायर अहमद फराज की गजल - रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिये आ से मेहंदी हसन को पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली.
ज्ञातव्य हो कि अक्टूबर, 2010 में एचएमवी कंपनी ने उनका एल्बम सरहदें रिलीज किया था जिसमें उन्होंने पहली और आखिरी बार लता मंगेशकर के साथ डूएट गीत भी गाया था. पाकिस्तान की सरकार द्वारा मेहदी हसन को तमगा-ए-इम्तियाज व हिलाल-ए-इम्तियाज का खिताब दिया जा चुका है जबकि नेपाल सरकार ने भी गजल गायकी में उनके बेहतरीन योगदान के लिए गोरखा दक्षिणा सम्मान दिया था.
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