केंद्रीय वित्तमंत्री पी चिदम्बरम ने राजीव गांधी इक्विटी बचत योजना (राजीव गांधी इक्विटी सेविंग स्कीम,आरजीईएसएस) की शुरूआत मुंबई में 9 फरवरी 2013 को की. इसका उद्देश्य नये छोटे निवेशकों को शेयर बाजार की तरफ आकर्षित करना है. इस योजना की घोषणा वित्तवर्ष 2012-13 के बजट पेश करते समय तत्कालीन केंद्रीय वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी ने की थी.
राजीव गांधी इक्विटी बचत योजना की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित है:
• इस योजना के तहत शेयर बाजार में पहली बार निवेश कर रहे निवेशकों को कर बचत का लाभ दिए जाने का प्रावधान किया गया है.
• इस योजना में ऐसे नये खुदरा निवेशकों को 50 प्रतिशत आयकर कटौती की अनुमति है जो सीधे 50000 रुपये शेयरों में निवेश करते हैं और जिनकी वार्षिक आय 10 लाख रुपये से कम है.
• इसकी समयबंदी (लॉक-इन) अवधि एक वर्ष की है. अर्थात इस निवेश से खरीदे गये शेयरों को एक वर्ष से पहले बेचा नहीं जा सकता है. शुरु में इस योजना में किये गये निवेश पर तीन वर्ष के लिये समयबंदी रखी गई थी.
• इसमें म्यूचुअल फंड को भी शामिल किया गया है.
• इस योजना के द्वारा ईटीएफ, म्यूचुअल फंड, बीएसई और एनएसई की 100 सबसे बड़ी कंपनियों में निवेश होगा. यही नहीं सरकारी कंपनियों के शेयरों में पैसा लगाने पर भी इसका लाभ प्राप्त होगा.
• सात म्यूचुअल फंड कंपनियों की 11 आरजीईएसएस स्कीम लॉन्च हुई हैं. इसके अलावा पूंजीबाजार नियामक सेबी ने 10 और आरजीईएसएस स्कीमों को लॉन्च करने की मंजूरी दी है.
• इससे नये निवेशकों को शेयर बाजार में पैसा लगाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा.
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