रूस में हिंदुओं के धार्मिक ग्रंथ भगवद् गीता पर प्रतिबंध लगाने वाली याचिका को साइबेरिया प्रांत के तोम्सक शहर की न्यायालय ने खारिज कर दी. तोम्सक शहर की लेनिन्सकी जिला न्यायालय के न्यायाधीश जी बुतेंको ने भगवद् गीता के रूसी में अनुवादित संस्करण (इस्कान संस्थापक एसी भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद रचित) पर रोक लगाने और इसके वितरण को अवैध घोषित करने की याचिका 28 दिसंबर 2011 को खारिज की.
ज्ञातव्य हो कि रूस के आर्थोडॉक्स चर्च की पहल पर जून 2011 में न्यायालय में गीता को हिटलर की आत्मकथा मीन कांफ की श्रेणी में रखते हुए उस पर कानूनी प्रतिबंध लगाने और उसे उग्रवादी साहित्य करार देने की मांग की याचिका दाखिल की गई थी. न्यायालय ने सुनवाई के बाद 19 दिसंबर 2011 को फैसला सुरक्षित कर लिया था.
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