लीबिया के पूर्व तानाशाह कर्नल मुअम्मर गद्दाफी का निधन लीबिया स्थित उनके गृह नगर सिर्ते में 20 अक्टूबर 2011 को गोली लगने से हो गया. कर्नल मुअम्मर गद्दाफी के मौत की आधिकारिक घोषणा लीबिया के नेशनल ट्रांजिशनल कांउसिल ने की.
20 अक्टूबर 2011 को लीबिया के पूर्व रक्षा मंत्री अबू बक्र यूनुस जब्र के साथ-साथ कर्नल मुअम्मर गद्दाफी के पांचवें बेटे मोअत्तासिम बिल्लाह गद्दाफी की भी मृत्यु गोली लगने से हो गई.
कर्नल मुअम्मर गद्दाफी को लीबिया की सत्ता से हटाने वाला विद्रोह 15 फरवरी 2011 में लीबिया के एक बड़े शहर बेनग़ाजी से शुरू हुआ था. शुरुआत में लीबिया के लोगों ने देश में सत्ता परिवर्तन को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से विरोध शुरू किया. मगर विरोध को गद्दाफी की सरकार ने सैन्य ताकत से कुचलना शुरू किया तो हालात बेकाबू हो गए और गृह युद्ध छिड़ गया. इसके बाद गद्दाफी विरोधी ताकतों ने बेनगाजी शहर में विद्रोहियों की राष्ट्रीय आपात परिषद के नाम से अंतरिम सरकार कायम करने की घोषणा की थी.
उत्तरी अफ्रीका स्थित देश लीबिया में सितंबर 1969 में कर्नल मुअम्मर गद्दाफी ने मात्र 27 वर्ष की उम्र में तत्कालीन लीबिया सम्राट इदरिस को एक सैनिक कार्रवाई में सत्ता से हटाया था और खुद को सत्तासीन किया था.
लीबिया के पूर्व तानाशाह कर्नल मुअम्मर गद्दाफी: मुअम्मर गद्दाफ़ी का जन्म लीबिया स्थित शहर सिर्ते में एक बद्दू परिवार में वर्ष 1946 में हुआ था. ज्ञातव्य हो कि लीबिया में 20 से ज्यादा कबीले हैं. गद्दाफी इन्हीं में से एक अल-गद्दफा कबीले से था. भूमध्य सागर के तट पर बसा सिर्ते शहर इस कबीले का गढ़ है.
मुअम्मर गद्दाफ़ी ने अपनी राजनीतिक विचारधारा को अपनी पुस्तक ग्रीन बुक में ‘लोगों की सरकार’ के रूप में पेश किया. वर्ष 1977 में गद्दाफ़ी ने लीबिया को एक जमाहिरिया घोषित किया था. जमाहिरिया शब्द का अर्थ है – लोगों का राज.
संयुक्त राष्ट्र महासभा में वर्ष 2009 में लीबिया के तानाशाह कर्नल मुअम्मर गद्दाफी ने अपना प्रथम भाषण देते हुए भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर को स्वतंत्र देश बनाने का सुझाव दिया था.
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