लोकसभा ने मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2015 ध्वनिमत से 3 मार्च 2015 को पारित किया. मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2015 के द्वारा ई-रिक्शा और ई-गाड़ियां को कानून के दायरे में लाने के उद्देश्य से मोटर वाहन अधिनियम 1988 में संशोधन किया जाना है.
मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2015 जनवरी 2015 में जारी अध्यादेश का स्थान लेगा.
मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2015 लोकसभा में 2 मार्च 2015 को पेश किया गया. विधेयक को (अधिनियम बनने के बाद) 7 जनवरी 2015 से अस्तित्व में लाने के लिए विचार किया जाएगा.
मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2015 के प्रावधान
• यह विधेयक ई-रिक्शा और ई-कार्ट को मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत लाएगा जिससे इसका संचालन पूरे देश में होगा.
• मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक के पास होने से ई-रिक्शा और ई-कार्ट के संचालन का रास्ता साफ हो गया है.
• ई-गाड़ी और ई-रिक्शा के चालकों को ड्राइविंग लाइसेंस से छूट दी गई है.
• इन वाहनों को केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित विनिर्देशों के अनुसार निर्मित, सुसज्जित और बनाए रखा जाना चाहिए.
• यह ई-गाड़ियों और ई-रिक्शा को 4000 वाट वाली विशेष बैटरी द्वारा चालित तीन पहियों वाले वाहनों के रूप में परिभाषित करता है. यह वाहन सवारी और माल दोनों ढ़ोने के उपयोग में लाया जा सकता है.
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