गुजरात के लिए वर्ष 2013-14 के 59 हजार करोड़ रुपए के वार्षिक योजना व्यय को 18 जून 2013 को मंजूरी दी गई. योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलुवालिया और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के मध्य हुई बैठक में इस पर निर्णय लिया गया.
59 हजार करोड़ रुपए के योजना परिव्यय में राज्य की योजना हेतु लगभग 3979 करोड़ रुपए की केंद्रीय सहायता शामिल है. इसके अलावा विभिन्न केंद्र प्रायोजित योजनाओं के माध्यम से भी लगभग 6 हजार करोड़ रुपए केंद्र सरकार की ओर से गुजरात में पहुंचने की संभावना है. इस तरह वर्ष 2013-14 के दौरान सभी स्रोतों से केंद्र सरकार द्वारा योजना फंड में उसे लगभग 10 हजार करोड़ रुपए प्राप्त होने की संभावना है.
गुजरात
गुजरात देश में सबसे तेज गति से विकास कर रहे राज्यों में शामिल है. 11वीं योजना के दौरान राज्य में कृषि और संबंधित गतिविधियों में विकास का औसत प्रदर्शन पूरे देश द्वारा हासिल की गई उपलब्धि से अधिक रहा है, लेकिन 10वीं योजना काल में कृषि क्षेत्र में दर्ज किए गए उच्च विकास दर से इसमें गिरावट आई है. आयोग ने समावेशी विकास के लिए कृषि के क्षेत्र में विकास के महत्त्व पर जोर दिया. राज्य सरकार ने संकेत दिया कि कृषि क्षेत्र में विकास की पहल के दूसरे चरण की उसकी योजना है, जिसमें प्रारंभ से अंत तक की सुविधाएं स्थापित करना और पशुपालन पर ज्यादा जोर शामिल है.
योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलुवालिया और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के मध्य हुई बैठक से संबंधित मुख्य तथ्य
• योजना आयोग ने सामाजिक क्षेत्र में गुजरात के प्रदर्शन की ओर ध्यान आकर्षित किया, इनमें खासतौर पर बाल लिंग अनुपात का स्तर, बाल शिशु मृत्यु दर, मातृत्व मृत्यु दर और कुपोषण शामिल है.
• वर्ष 2001 से 2011 के बीच राज्य में बाल लिंग अनुपात में सुधार हो रहा था, लेकिन राज्य के लगभग आधे से अधिक जिलों में यह खराब स्तर पर पहुंचने के कारण अंत में इसमें गिरावट दर्ज की गई.
• कुपोषण के मामले में प्रमाणों से पता चलता है कि आर्थिक तौर पर विकास कर रहे राज्य में कुपोषण का स्तर काफी अधिक है. राज्य सरकार ने सामाजिक क्षेत्र के विकास के प्रति योजना आयोग की चिंताओं से सहमति जताई और इस स्थिति में सुधार संबंधी अपनी पहल का ब्यौरा दिया.
• योजना आयोग ने ढांचागत विकास, ग्रामीण सड़कें, जल-संभरण प्रबंधन तथा कौशल विकास के क्षेत्र में राज्य सरकार की पहल पर गौर किया. कौशल्या बर्धन केंद्र को इसकी विशिष्टता और सफलता के लिए सराहा गया.
• बैठक में विकास दर बढ़ाने के उपायों पर चर्चा हुई. इसमें खासतौर पर निवेश और आधारभूत ढांचे के विकास तथा प्रबंधन और जल-संसाधन के जरिए सूखे से निपटने के लिए बेहतर उपाय के साधन निर्मित करने पर बातचीत हुई.
• बैठक में राज्य सरकार ने उन मुद्दों को उठाया, जिनमें उसे लगता है कि क्षमता बढ़ाने तथा राज्य के विकास में बाधक बनने वाले कारणों को दूर करने के लिए केंद्र सरकार की नीतियों की समीक्षा करने तथा संसाधन आवंटन की आवश्यकता है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation