केंद्र सरकार ने 28 अगस्त 2015 को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ( सेबी) के साथ वस्तुओं के बाजार नियामक वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) के विलय की अधिसूचना जारी की.इसका विलय 28 सितम्बर 2015 से प्रभावी माना जायेगा.
इसके लिए सरकार ने वायदा संविदा विनियमन अधिनियम (एफसीआरए )1952 को निरस्त कर रेगुलेशन एक्ट एससीआरए 1956 के तहत सेबी द्वरा वायदा बाजार के नियमन की बात की है.
एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में जिंस वायदा बाजार के नियमन को मजबूत करने के लिए पूंजी बाजार नियामक सेबी के साथ वायदा बाजार आयोग के विलय की घोषणा की थी.
इससे वस्तुओं और पूंजी बाजार के लिए एक एकीकृत नियामक जिंस वायदा कारोबार की निगरानी को कारगर बनाने में मदद मिलेगी.
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