भारत के रक्षामंत्री एके एंटनी ने रूस के सेवमाश शिपयार्ड पर आयोजित समारोह में विमानवाहक पोत आईएनएनएस विक्रमादित्य को भारतीय नौसेना में 16 नवम्बर 2013 को शामिल किया.
भारत की समुद्री युद्ध क्षमता में यह बड़ा इजाफा है. इस जलपोत को सौंपने के अवसर पर रूस के उप प्रधानमंत्री दमित्री रोगोजिन और रक्षा मंत्री शोइगू मौजूद रहे.
विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य से संबंधित मुख्य तथ्य
• आईएनएस विक्रमादित्य कीव श्रेणी का विमानवाही पोत है जिसे वर्ष 1987 में बाकू नाम से रूसी नौसेना में शामिल किया गया था.
• उसका नामकरण बाद में एडमिरल गोर्शकोव कर दिया गया था.
• आईएनएस विक्रमादित्य 8 हजार टन से अधिक भार ढोने और 7 हजार समुद्री मील या 13 हजार किलोमीटर तक अपनी गतिविधियां चलाने में सक्षम है.
• इस पर मिग-29के नौसेना लड़ाकू विमान के साथ ही कामोव 31 और कामोव 28 पनडुब्बी रोधी और समुद्री निगरानी हेलीकॉप्टर तैनात रहने हैं.
• 2.3 अरब डॉलर की लागत वाले आईएनएस विक्रमादित्य का वजन 44500 टन है.
• इस युद्धपोत की लंबाई 284 मीटर है. जो तीन फुटबॉल मैदानों के बराबर है.
• यह युद्धपोत 60 मीटर ऊंचा है जो लगभग 20 मंजिला इमारत के बराबर है. इसमें 22 छतें हैं.
• इस पर 1600 नौसैनिक तैनात होने हैं.
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