8 अक्टूबर: विश्व दृष्टि दिवस
विश्व दृष्टि दिवस प्रत्येक वर्ष अक्टूबर माह के दूसरे गुरुवार को आयोजित किया जाता है. इस वर्ष का उद्देश्य अंधापन और दृष्टिहीनता के प्रति जागरूकता फैलाना है.
वर्ष 2015 के लिए विश्व दृष्टि दिवस 8 अक्टूबर 2015 को मनाया गया. वर्ष 2015 के लिए इस दिवस का विषय ‘आई केयर फॉर ऑल’ है .
विश्व दृष्टि दिवस विजन 2020 ग्लोबल इनिशिएटिव के तहत आईएपीबी (दृष्टिहीनता की रोकथाम के लिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसी) द्वारा समन्वित है.
आईएपीबी के बारे में
• दृष्टिहीनता की रोकथाम के लिए अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी की स्थापना वर्ष 1975 में की गई थी.
• इस संगठन का उद्देश्य विश्वस्तर पर अंधेपन की रोकथाम गतिविधियों को बढ़ावा देना है.
• इसकी पहली बड़ी उपलब्धि अंधेपन की रोकथाम के लिए डब्ल्यूएचओ कार्यक्रम की स्थापना था जिसके के बाद से अंधेपन की रोकथाम को ग्लोबल इनिशिएटिव, विजन 2020 में सन्निहित कर लिया गया.
भारत में दृष्टिहीनता
• दृष्टिहीनता की रोकथाम के लिए शत-प्रतिशत केंद्र द्वारा वित्त पोषित योजना एनपीसीबी 1976 में शुरू की गई थी.
• एनपीसीबी का लक्ष्य 2020 तक दृष्टिहीनता की मौजूदा दर को 1 प्रतिशत के स्तर से घटाकर 0.3 प्रतिशत करना है.
• दुनियाभर में दृष्टिहीनता के सबसे ज्यादा मामले भारत में दर्ज किए जाते हैं। यहां दृष्टिहीनों की तादाद 3.5 मिलियन है. भारत में हर वर्ष केवल 35000 कोर्निया ही इकट्ठा हो पाते हैं जबकि कोर्नियल दृष्टिहीनता से निपटने के लिए हर साल 150,000 कोर्निया का जरूरत है.
प्रोजेक्ट विजन
यह कार्यक्रम स्वंयसेवकों के कार्य पर आधारित होगा जिन्हें "विजन एम्बेसडर" कहा जाएगा. ये दान देने वाले और आईबैंक के बीच कड़ी का काम करेंगे जो फिलहाल नदारद है. प्रोजेक्ट विजन के तहत अभी तक 10000 से भी ज्यादा व्यक्ति नेत्र दान कर चुके हैं और 1000 लोगों को विजन एम्बेसडर बनाया गया है.
दृष्टिहीन पत्रकार श्री एल. सुब्रामणि ने स्वास्थय मंत्री हर्षवर्धन को अपने जीवन की कहानी पर आधारित किताब "लाइट्स आउट" भेंट की.
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