विश्व बैंक ने भारत में ऊर्जा क्षेत्र में सुधार पर रिपोर्ट जारी की

Jun 27, 2014, 10:41 IST

विश्व बैंक ने भारत में ऊर्जा क्षेत्र में सुधार पर 24 जून 2014 को एक रिपोर्ट जारी की.

विश्व बैंक ने भारत में ऊर्जा क्षेत्र में सुधार पर 24 जून 2014 को एक रिपोर्ट जारी की. रिपोर्ट का शीर्षक है– मोर पावर टू इंडियाः द चैलेंज ऑफ डिस्ट्रिब्यूशन. इसे नई दिल्ली में जारी किया गया. यह रिपोर्ट भारत सरकार के अनुरोध पर किए गए अध्ययन के आधार पर बनाया गया है.

रिपोर्ट में भारत के ऊर्जा क्षेत्र की पहुंच, उपयोगिता प्रदर्शन और वित्तीय स्थिरता के प्रमुख क्षेत्रों की समीक्षा की गई है. इसमें उपभोक्ताओँ तक बिजली के वितरण को इस क्षेत्र की सबसे कमजोर कड़ी बताया गया है.

रिपोर्ट में सेवा को उच्च स्तर तक ले जाने के लिए इस क्षेत्र को बाहरी हस्तक्षेप और नियामकों से मुक्त करने, जवाबदेही बढ़ाने और इस क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने की सिफारिश की गई है.

रिपोर्ट की मुख्य बातें

•    भारत की वार्षिक प्रति व्यक्ति सालाना बिजली खपत करीब 800 किलोवाट की है जो दुनिया में सबसे कम है.

•    साल 2011 में ऊर्जा क्षेत्र में कुल घाटा 1.14 ट्रिलिय़न रुपयों का था. ये घाटे बहुत बड़े हैं जो वितरण कंपनियों (डिसकॉम्स) और बहुत ज्यादा उपयोगिताओं– राज्य बिजली बोर्डों (एसईबी) और राज्य बिजली विभागों के बीच केंद्रित है.

•    संचित घाटे की वजह से बिजली क्षेत्र का ऋण 2011 में 3.5 ट्रिलियन रुपये था जो भारत के जीडीपी का 5 फीसदी के बराबर है.

•    2011 में इस क्षेत्र का करीब 60 फीसदी संचित घाटा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और झारखंड से हुआ. उत्तर प्रदेश अकेले ही 40 फीसदी संचित घाटे के लिए जिम्मेदार है.

•    हालांकि ग्रीड कनेक्टिविटी बढ़ी है फिर भी विद्युतीकृत गांवों के 200 मिलियन से अधिक लोग बिना बिजली को रहने के लिए मजबूर हैं.

•    भारत में व्यावसायिक प्रतिष्ठान में बिजली का कनेक्शन लेने के लिए सात प्रक्रियाएं और 67 दिन का समय लगता है. चीन में यह 28 दिन में, थाइलैंड में 35 दिन और सिंगापुर में 36 दिनों में हो जाता है.

•    2010 में भारत भर में घरेलू बिजली आपूर्ति का करीब 87 फीसदी रियायती था. 2010 में आधे से भी अधिक रियायती भुगतान (52फीसदी) देश के सबसे अमीर 40 फीसदी परिवारों को चला गया.

ऊर्जा क्षेत्र में घाटे के लिए जिम्मेदार कारक

•    बिजली खरीदने के लिए डिसकॉम की लागत राजस्व की तुलना में तेजी से बढी है.

•    ईंधन की कमी और जनरेटर और पीढ़ी अक्षमताओं के लिए महंगा ईंधन आयात करने की जरूरत.

•    पिछले कुछ वर्षों से बढ़ते ब्याज खर्च और शुल्कों का लागत के साथ तालमेल नहीं है.

•    बिलों की कम वसूली और वसूली में देरी.

•    खरीदी गई बिजली के पांचवे हिस्से से भी अधिक उपभोक्ताओं द्वारा बर्बाद कर दिया जाता है.

मुख्य सिफारिशें

अगर 2019 तक भारत को विकास के उच्च पथ पर लाना है और सभी को बिजली मुहैया करानी है तो भारत में बिजली वितरण के क्षेत्र में व्यापक सुधार करने होंगे. रिपोर्ट में दी गई मुख्य सिफारिशें हैं

•    राज्य सरकारों को जब वे मुफ्त बिजली आपूर्ति का आदेश देते हैं, समय पर पारदर्शिता के साथ और पूरे सब्सिडी का भुगतान करना चाहिए.

•    राज्य सरकारों को सब्सिडी के लक्ष्य में सुधार लाना चाहिए ताकि संसाधन बर्बाद न हो और वास्तव में गरीबों तक पहुंच सके.

•    जनोपयोगी सेवाओं को सरकार के हस्तक्षेप से मुक्त करना चाहिए और उसका प्रबंधन पेशेवर तरीके के करना चाहिए. निगमीकरण के बावजूद उपोगिता बोर्ड में राज्यों का प्रभुत्व है और उनका मूल्यांकन शायद ही कभी उनके प्रदर्शन के आधार पर होता है

•    कुशल संचालन के लिए बैंकों/ उधारदाताओं को जवाबदेह होना चाहिए और जो भरोसे के लायक नहीं हो उनपर इसे नहीं छोड़ना चाहिए.

•    नियामकों को प्रभावी लागत, सेवा मानकों पर पकड़ और निर्णय लेने के लिए उम्मीद के मुताबिक वातावरण पैदा करने के  लिए  शुल्कों में पारदर्शिता के साथ संसोधन करना चाहिए.

•    ग्रहकों को इस्तेमाल की जाने वाली बिजली के लिए ही भुगतान करना पड़े और नियामक एवं राज्य सरकारें बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता के प्रति जवाबदेह हों.

•    केंद्र सरकार को भविष्य में कोई बेलआउट नहीं देना चाहिए, नियामकों को स्वायतता और पर्याप्त संसाधन देना चाहिए और उनके प्रदर्शन के लिए उन्हें ही जिम्मेदार बनाना चाहिए.

•    केंद्र सरकार को प्रभावी संचालन औऱ गांवों में वित्तीय जिम्मेदार ढंग से बिजली की पहुंच को बढ़ाने के लिए दवाब बनाने के लिए प्रतियोगिता की अनुमति देनी चाहिए.

Rishi is a content industry professional with 12+ years of experience on different beats including education, business, finance, health and technology in digital digital and print mediums. A UGC NET qualified postgraduate in Journalism and Mass Communication, Rishi, writes and manages content related to Govt Job Notifications and Trending News in real time environment. He can be reached at rishi.sonwal@jagrannewmedia.com
... Read More

यूपीएससी, एसएससी, बैंकिंग, रेलवे, डिफेन्स और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नवीनतम दैनिक, साप्ताहिक और मासिक करेंट अफेयर्स और अपडेटेड जीके हिंदी में यहां देख और पढ़ सकते है! जागरण जोश करेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें!

एग्जाम की तैयारी के लिए ऐप पर वीकली टेस्ट लें और दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करें। डाउनलोड करें करेंट अफेयर्स ऐप

AndroidIOS

Trending

Latest Education News