विश्व बैंक ने स्टेट सेफ्टी नेट 2015 रिपोर्ट जारी की

Jul 10, 2015, 16:26 IST

विश्व बैंक ने 7 जुलाई 2015 को स्टेट सेफ्टी नेट 2015 रिपोर्ट जारी की.

विश्व बैंक ने 7 जुलाई 2015 को स्टेट सेफ्टी नेट 2015 रिपोर्ट जारी की. इस रिपोर्ट में 157 देशों की अर्थव्यवस्थाओं और प्रदेशों में सामाजिक सुरक्षा तंत्र के कार्यक्रमों के लिए किये गये व्यय तथा इससे लाभान्वित होने वाले वर्गों के विषय में तुलनात्मक विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है.

इस रिपोर्ट के अनुसार विश्व के लगभग 1/3 गरीबों को इस इस योजना में कवर किया गया है तथा उप-सहारा अफ्रीका और दक्षिण एशिया में यह अन्तराल बहुत ज्यादा है.

इस रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष
निम्न और मध्यम आय वाले 136 देशों के 1.9 बिलियन लोग इस स्टेट ऑफ़ सेफ्टी नेट कार्यक्रम से लाभान्वित हुए हैं.

सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों पर संयुक्त खर्च 2010 और 2014 के बीच लगभग 329 बिलियन अमेरिकी डॉलर है.

कुछ 718 मिलियन लोग निर्माण सहित नकदी हस्तांतरण कार्यक्रम में भाग लेकर वैश्विक स्तर पर 36 प्रतिशत सामाजिक सुरक्षा तंत्र की स्थापना करते हैं.

उप-सहारा अफ्रीका जहाँ भोजन और अन्य क्षेत्र ज्यादा हावी हैं को छोड़कर नकद हस्तांतरण पर सभी क्षेत्रों में खर्च अधिकतम है.

औसतन  विकासशील देश सामाजिक सुरक्षा तन्त्र पर अपने सकल घरेलू उत्पाद का 1.6 प्रतिशत खर्च करते हैं. यह अन्य सार्वजनिक नीतिगत उपायों(ईंधन सब्सिडी) की तुलना में कम है.

अधिकतम 526 मिलियन लोगों को प्रभावित करने वाले दुनिया की पांच सबसे बड़ी सामाजिक सुरक्षा तन्त्र कार्यक्रम मध्यम आय वाले देश कर रहें हैं.

कम आय और निम्न-मध्यम आय वाले देशों में सामाजिक सुरक्षा तन्त्र के तहत उच्च-मध्यम आय वाले देशों में 64 प्रतिशत की तुलना में केवल 25 प्रतिशत गरीबों को कवर किया गया.

उप-सहारा अफ्रीका और दक्षिण एशिया में सर्वाधिक गरीब लोग बसते हैं. सामाजिक सुरक्षा तन्त्र यहाँ के सबसे गरीब 20 प्रतिशत जनसंख्या के क्रमशः 1/10 तथा 1/5 प्रतिशत को ही कवर करते हैं.

सुरक्षा तंत्र कार्यक्रमों के द्वारा औसतन 8 प्रतिशत गरीबी को कम करने में मदद मिली है.

स्थानीय अर्थव्यवस्था पर नकद हस्तांतरण कार्यक्रमों का सकारात्मक प्रभाव पड़ा है.

रिपोर्ट में भारत की स्थिति
जननी सुरक्षा योजना (JSY)- 78 मिलियन लाभार्थियों के साथ सशर्त नकद हस्तांतरण (सीसीटी) श्रेणी में सबसे बड़ी योजना.

मध्याह्न भोजन कार्यक्रम(MDM)-105 मिलियन लाभार्थियों के साथ स्कूल में भोजन प्रदान करने की श्रेणी में सबसे बड़ा कार्यक्रम.

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा)- 182 मिलियन लाभार्थियों के साथ लोक निर्माण कार्यक्रम (शेकाप) श्रेणी में सबसे बड़ी योजना.  

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना (IGNOAPS)- 21 मिलियन लाभार्थियों के साथ बिना शर्त नकद हस्तांतरण (UCT) श्रेणी में दूसरी सबसे बड़ी योजना.

सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) पर सकल घरेलू उत्पाद का 0.6 प्रतिशत व्यय किया गया.

रिपोर्ट के बारे में
सामाजिक सुरक्षा तंत्र कार्यक्रमों के तहत आपदाओं आर्थिक हानि, प्राकृतिक आपदाओं और अन्य संकट के प्रभाव से परिवारों की रक्षा करने के उद्देश्य से नकदी आहरण तथा कुछ खास तरह का हस्तांतरण.

इसके अंतर्गत बच्चों के स्वस्थ विकास, उनके स्कुल जाने तथा सिखने के साथ साथ महिलाओं और लड़कियों को सशक्त बनाने और रोजगार उत्पन्न करने पर व्यय को प्रदर्शित किया गया है.

सामाजिक सुरक्षा तन्त्र के प्रभाव का आकलन करने के लिए इस रिपोर्ट में 105 देशों के घरेलू सर्वेक्षण की मदद ली गयी है.भारत के मामले में राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण 2009-10 (66 वें दौर) के परिणामों को ध्यान में रखा गया है.

Jagran Josh
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Education Desk

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