अमेरिका स्थित वैज्ञानिकों के एक समूह ने अगस्त 2014 के प्रथम सप्ताह में मानव मस्तिष्क की तरह काम करने वाली कंप्यूटर चिप ‘टूनॉर्थ’ विकसित करने की घोषणा की. वैज्ञानिकों के अनुसार, इस कंप्यूटर चिप का आकार एक डाक टिकट जितना बड़ा है. इस चिप में 5.4 अरब ट्रांजिस्टर लगे हैं जो 10 लाख न्यूरॉन और 25.60 करोड़ न्यूरल कनेक्शन के समतुल्य क्षमता रखते हैं. यह शोध खोज ‘लाइव साइंस’ पत्रिका में छपी.
शोध टीम के अनुसार, मानव मस्तिष्क के अंदर की प्रक्रियाओं की नकल करने के लिए अलग-अलग ‘टूनॉर्थ’ चिप को एक-दूसरे के साथ ठीक उसी तरह जोड़कर सर्किट बनाया जा सकता है, जैसा मस्तिष्क के अंदर होता है. लाइव साइंस में छपी रिपोर्ट के अनुसार, शोधकर्ताओं ने ‘टूनॉर्थ’ चिप की मदद से तस्वीरों के अंदर व्यक्तियों और वस्तुओं को पहचानने का सफलतापूर्वक प्रयोग किया. पारंपरिक कंप्यूटरों में ऐसा करना बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य है.
विदित हो कि इस शोध टीम में भारतीय मूल के वैज्ञानिक धर्मेद्र भी शामिल हैं, जो कैलिफोर्निया स्थित आइबीएम रिसर्च के कॉग्निटिव कंप्यूटिंग ग्रुप के प्रमुख शोधकर्ता पद पर कार्यरत हैं.
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