15 मार्च: विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस
सम्पूर्ण विश्व में विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस 15 मार्च 2015 को मनाया गया. इसका उद्देश्य लोगों को उपभोक्ता अधिकारों के प्रति जागरूक करना एवं बाजार की गड़बड़ियों और सामाजिक अन्याय के खिलाफ विरोध व्यक्त करना है.
भारत में राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस प्रतिवर्ष 24 दिसंबर को मनाया जाता है. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम विधेयक 24 दिसंबर 1986 को पारित हुआ था. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम उपभोक्ताओं के अधिकारों की बेहतर सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य सहित संयुक्त मार्गदर्शी सिद्धांतों के आधार पर 1986 में लागू किया गया था.
इस अधिनियम में मुख्यत: दंडात्मक या निवारणात्मक मार्ग के स्थान पर शोषण और अनुचित रूप से लेनदेन के विभिन्न प्रकारों के खिलाफ उपभोक्ताओं को प्रभावी सुरक्षा प्रदान की जाती है. यह सभी वस्तुओं और सेवाओं पर लागू होता है जब तक कि इसे विशेष रूप से छूट न दी जाएं और इसमें तीव्र तथा कर्म खर्चीले न्याय मार्ग के लिए निजी, सार्वजनिक और सहकारी क्षेत्रों को शामिल किया जाता है.
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत अधिकार भारत के संविधान की धारा 14 से 19 बीच अधिकारों से आरंभ होते हैं.
इसके बाद इस अधिनियम में 1991 तथा 1993 में संशोधन किये गए. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम को अधिकाधिक कार्यरत और प्रयोजनपूर्ण बनाने के लिए दिसंबर 2002 में एक व्यापक संशोधन लाया गया और 15 मार्च 2003 से लागू किया गया. परिणामस्वरूप उपभोक्ता संरक्षण नियम, 1987 में भी संशोधन किया गया और 5 मार्च 2004 को अधिसूचित किया गया था.
भारत में राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस पहली बार 24 दिसंबर 2000 को मनाया गया.
20वां उपभोक्ता इंटरनेशनल वर्ल्ड कांग्रेस (20th Consumers International World congress), ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया में 10-13 नवम्बर 2015 को आयोजित किया जाएगा. उपभोक्ता इंटरनेशनल वर्ल्ड कांग्रेस का आयोजन प्रतिचार वर्ष बाद किया जाता है.
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