केंद्र सरकार ने लाभार्थियों के खातों में सीधे सहायता राशि जमा कराने की योजना 1 जनवरी 2013 से पंजाब, आन्ध्रप्रदेश, कर्नाटक और केरल सहित 16 राज्यों के 20 जिलों में शुरू की. इस योजना का उद्देश्य सरकार की विभिन्न कल्याण योजनाओं के तहत दी जाने वाली सहायता की राशि लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधे जमा कराना है, ताकि राशि उपलब्ध कराने में हेराफेरी को रोका जा सके और इसमें होने वाली देरी को कम किया जा सके.
यह योजना 11 और जिलों में 1 फरवरी 2013 से और 12 अन्य जिलों में 1 मार्च 2013 से शुरू की जानी है. शुरू में 7 योजनाओं की सहायता राशि को लाभार्थियों के खातों में सीधे जमा कराया जाना है. इनमें अनुसूचित जातियों के लिए मैट्रिक पूर्व और अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गो के छात्रों के लिए मैट्रिक बाद की छात्रवृत्ति, इन्दिरा गांधी मातृत्व स्वास्थ्य योजना तथा अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए कोचिंग और मार्गदर्शन तथा व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए वजीफा देने की योजनाएं शामिल हैं. नकद सहायता राशि देने की इस योजना से देश में करीब 2 लाख लोगों को लाभ होना है. खाद्य सामग्री, उरर्वकों, डीजल और मिट्टी के तेल पर दी जाने वाली सब्सिडी इस योजना में शामिल नहीं हैं. इस योजना को 43 जिलों में सफलतापूर्वक लागू करने के बाद वर्ष 2013 के दौरान देश के अन्य हिस्सों में भी शुरू किया जाना है.
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