सरकारी आय-व्यय (लोक वित्त) के लेखा परीक्षण में सहयोग हेतु भारत एवं भूटान के बीच थिंपू में 22 अप्रैल 2014 को समझौता हुआ.
भारत के वर्तमान नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) शशिकांत शर्मा और भूटान के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक दशो यूगेन शेवांग ने इस समझौते से संबंधित सहमति पत्र पर पर हस्ताक्षर किए.
भारत एवं भूटान के बीच हुआ यह समझौता तत्काल प्रभाव से लागू हो गया जो छह वर्षों तक के लिए मान्य होगा.
भारतीय नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) के अनुसार, समझौते के तहत दोनों देशों के लेखा परीक्षक पेशेवर एक-दूसरे के अनुभव साझा कर लेखा-परीक्षा के क्षेत्र में क्षमता बढ़ायेंगे.
इसके साथ ही साथ भारतीय सीएजी हर वर्ष भूटान के लेखा अधिकारियों को प्रशिक्षण देगा. सीएजी के अनुसार यह प्रशिक्षण भारतीय ऑडिट एंड अकाउंट्स की शिमला अकादमी में दिया जाएगा.
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