सर्वोच्च न्यायालय प्राकृतिक गैस के मूल्य बढ़ाने के केंद्र सरकार के फैसले की जांच करने पर सहमत हो गया और न्यायालय ने इस बारे में केन्द्र और रिलायन्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड को 29 जुलाई 2013 को नोटिस जारी किए. यह निर्णय प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति पी सदाशिवम की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिया.
पीठ ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सांसद गुरूदास दासगुप्त द्वारा दायर जनहित याचिका पर केंद्र सरकार और रिलायन्स इंडस्ट्रीज से जवाब मांगा. गुरूदास दासगुप्त ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार ने प्राकृतिक गैस का मूल्य बढ़ाते समय गंभीरता से गौर नहीं किया. सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें 4 सप्ताह के अंदर अपना जवाब देने को कहा और मामले की अगली सुनवाई हेतु 6 सितम्बर 2013 की तारीख तय की.
विदित हो कि सरकार ने हाल ही में प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के प्रमुख सी रंगराजन समिति की सिफारिशों के आधार पर 1 अप्रैल 2014 से गैस की कीमत को मौजूदा 4.2 डॉलर (प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट) से बढाकर 8.4 डॉलर एमएमबीटीयू करने का फैसला लिया था. नई कीमत की हर तीन महीने बाद समीक्षा की जानी है और यह सभी गैस उत्पादकों पर समान रूप से लागू होनी है. इनमें सरकारी कंपनिया ऑयल इंडिया लिमिटेड और तेल और प्राकृतिक गैस निगम तथा रिलायन्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड जैसी निजी कंपनियां शामिल हैं.
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