सर्वोच्च न्यायालय ने बिहार सरकार द्वारा तैयार प्रशिक्षित शिक्षक आवेदकों की वरीयता सूची को 13 जुलाई 2011 को मंजूरी प्रदान की. साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने बिहार सरकार को तीन महीने में रोस्टर तैयार कर सूची को पेश करने का निर्देश भी दिया.
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अल्तमश कबीर व न्यायमूर्ति एचएल दत्तू की पीठ ने बिहार में 34540 प्रशिक्षित शिक्षकों की भर्ती मामले में सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को आरक्षण नियमों के मुताबिक वरीयता सूची (रोस्टर) तैयार करने के लिए तीन महीने का समय दिया.
बिहार सरकार ने कुल 133140 आवेदकों की वरीयता सूची सर्वोच्च न्यायालय में पेश की. बिहार सरकार ने प्रशिक्षित शिक्षक की नियुक्तियों पर तर्क दिया कि वर्तमान में सिर्फ प्राविजनल नियुक्तियां की जानी हैं जो कि प्रमाणपत्रों की जांच के अधीन होंगी.
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