सरकारी विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को अपनी खरीद में सूक्ष्म, लघु व मध्यम दर्जे की इकाइयों (MSME: Micro, Small and Medium Enterprises, एमएसएमई) के लिए 20 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया गया. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में सरकारी खरीद की इस नीति को 1 नवंबर 2011 को मंजूरी दी गई.
केंद्र सरकार द्वारा मंजूर सरकारी खरीद की इस नीति के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को अपनी खरीद में एमएसएमई के लिए 20 प्रतिशत आरक्षण दिया गया, जिसमें से 4 प्रतिशत खरीद अनुसूचित जाति (SC: Scheduled Caste, एससी) और अनुसूचित जनजाति (ST: Scheduled Tribe, एसटी) के लघु उद्यमियों के लिए आरक्षित है.
सूक्ष्म, लघु व मध्यम दर्जे की इकाइयों के मंत्रालय के अनुसार प्रत्येक सरकारी कंपनी को वित्त वर्ष की शुरुआत में ही इस क्षेत्र के लिए खरीद का अपना लक्ष्य तय करना होगा, ताकि वह 20 प्रतिशत की न्यूनतम खरीद की सीमा को प्राप्त कर सके.
ज्ञातव्य हो कि लघु एवं मध्यम उद्यम भारत के कुल विनिर्माण उत्पादन के 45 प्रतिशत हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं. निर्यात में इनकी 40 प्रतिशत हिस्सेदारी है. इस क्षेत्र में 2.6 करोड़ यूनिट 6000 से ज्यादा उत्पाद बनाती हैं. इनमें लगभग छह करोड़ लोगों को रोजगार मिला हुआ है.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 1 नवंबर 2011 को शिक्षा के राष्ट्रीय मिशन और राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क को ऑप्टिक फाइबर केबल के जरिए परस्पर संबद्ध करने हेतु प्रस्ताव को भी मंजूरी दी. इस प्रस्ताव के तहत देश के सभी विश्वविद्यालय, विश्वविद्यालय स्तर के संस्थानों, कॉलेजों और पॉलिटेक्निक संस्थानों को कनेक्टिविटी प्रदान की जानी है.
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