स्वच्छ भारत अभियान
भारत की 2011 की जनगणना के अनुसार भारत के शहरी क्षेत्र की जनसंख्या 377 मिलियन है जो भर्त की कुल जनसंख्या का लगभग 31 प्रतीशत है. इस जनसंख्या का 2031 तक 600 मिलियन होना अनुमानित है. परन्तु इन शहरों में से 4041 वैधानिक शहर ऐसे हैं जिनमे अब भी शौचालय और मलत्याग की उचित व्यवस्था नहीं है. इस तरह की अव्यवस्था स्वास्थ्य पर बुरा असर डालती है जिससे अनेक जानलेवा बीमारियाँ पनपती हैं. अनुपचारित मल जल प्रदूषण का एक मुख्य कारक है.
क्या है स्वछता भारत अभियान ?
स्वच्छ भारत अभियान केंद्र सरकार का एक राष्ट्रीय अभियान है इस अभियान की घोषणा भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2 अक्टूबर 2014 को की. यह अभियान शहरी क्षेत्रों में केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय और ग्रामीण क्षेत्रों में केन्द्रीय पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय द्वारा क्रियान्वित किया जाएगा.
अभियान का लक्ष्य
1. खुले में शौच का उन्मूलन
2. मैला ढ़ोने की प्रथा का उन्मूलन
3. आधुनिक और वैज्ञानिक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन
4. सार्वजनिक स्वास्थ्य के साथ साफ-सफाई के बारे में जागरूकता
अभियान की अवधि
2 अक्टूबर 2019
रणनीति
• चूँकि स्वछता राज्य सूची का विषय है इसलिए राज्य सरकार को नीतियों का निर्माण करने से लेकर उसे लागू करने तक हार संभव मदद दी जाएगी.
• प्रत्येक राज्य योजना को तीन चरणों में लागू करेंगे-
1. योजना का निर्माण
2. योजना को लागू करना
3. योजना के लागू होने से प्राप्त परिणामों के अनुसार आगे की योजना का निर्धारण करना.
अभियान के घटक
इस अभियान के घटक निम्नलिखित हैं –
• घरेलू शौचालयों का निर्माण और अस्वास्थ्यकर शौचालयों का फ्लश शौचालयों में रूपांतरण
• सामुदायिक शौचालय
• सार्वजनिक शौचालय
• ठोस अपशिष्ट प्रबंधन
• क्षमता निर्माण और प्रशासनिक और कार्यालय व्यय
योजना की अनुमानित लागत 62,009 करोड़ रुपये है. जिसमे केंद्र सरकार 14,623 करोड़ रुपये का सहयोग करेगी और विभिन्न राज्यों की सरकारें 4874 करोड़ रुपए का सहयोग करेंगी.
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