हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 18 अक्टूबर 2015 को ‘स्वधार गृह’ नामक योजना को स्वीकृति प्रदान की है. इस योजना का उद्देश्य कठिन परिस्थितियों में पीड़ित महिलाओं के लिए सहायक संस्थागत फ्रेमवर्क तैयार करना है ताकि वे दृढ़ विश्वास व गरिमा के साथ अपना जीवनयापन कर सकें.
इस योजना के तहत ऐसी महिलाओं को शैल्टर, खाद्य, कपड़ा और स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ-साथ आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जाएगी. इसके अलावा इस योजना का उद्देश्य यह भी है कि विपरीत परिस्थितियों में महिलाओं की विशेष देखभाल की जरूरत को देखते हुए उनकी देखरेख की जाए और किसी भी महिला को देखभाल के मामले में छोड़ा नहीं जाए, जिसके कारण वे शोषण और अकेलेपन की शिकार हो सकती हैं. इस योजना के अन्तर्गत 30 महिलाओं की क्षमता के स्वधार गृह प्रत्येक जिले में स्थापित किए जाएंगे, जिसमें प्राथमिक जरूरतों जैसेकि शैल्टर, खाद्य, कपड़ा, चिकित्सा उपचार और विपत्ति के समय महिलाओं की देखभाल की सुविधा होगी. यह स्वधार गृह ऐसी पीडि़त महिलाओं के लिए उनकी भावना को मजबूत करेंगे, जिनकी दुर्भाग्यपूर्ण स्थितियों में भावनाएं आहत हुई हैं और ऐसी महिलाओं को कानूनी सहायता और मार्गदर्शन भी मुहैया करवाया जाएगा ताकि वे अपने परिवार और समाज की मुख्य धारा में आ सकें.
इसके अतिरिक्त यह स्वधार गृह ऐसी महिलाओं को आर्थिक और भावनात्मक रूप से पुनर्स्थापित करेंगे और सहायक प्रणाली के तौर पर कार्य करेगा ताकि विपत्ति में आई महिलाओं की जरूरतों को समझते हुए उनकी समस्याओं का निपटान हो सकें. जिन जिलों में महिलाओं को अतिरिक्त सहायता चाहिए होगी वहां एक से अधिक स्वधार गृह स्थापित किए जाएँगे. इसके अतिरिक्त आवश्यकतानुसार इन स्वधार गृहों की क्षमता को 50 या 100 महिला तक तथा अन्य मापदण्डों को भी बढ़ाया जा सकता है. इस योजना का लाभ 18 वर्ष से अधिक की महिलाएं ले सकती है. इस योजना में उन महिलाओं को कवर किया जाएगा, जो अकेली हैं और बिना किसी आर्थिक और सामाजिक सहायता के हैं. घरेलू हिंसा की पीडि़त महिलाएं, जिन्होंने पारिवारिक कलह की वजह से बिना किसी कारण के अपना घर से छोड़ दिया है. वेश्यालयों व अन्य स्थानों से भागी हुई और बचाई गई महिलाएं व लड़कियां जो शोषण का शिकार हैं और एचआईवी एड्स से पीड़ित हैं तथा बिना किसी आर्थिक और सामाजिक सहायता के हैं उन्हें स्वधार गृह सहायता मुहैया करवाएगा.
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