भारतीय रिजर्व बैंक ने 11 अक्टूबर 2011 को हस्तशिल्प, हथकरघा, कालीन और लघु एवं मध्यम दर्जे के निर्यातकों को रुपये में मिलने वाले कर्ज पर दो प्रतिशत ब्याज सब्सिडी की अवधि एक वर्ष के लिए बढ़ा दी. श्रम आधारित उद्योग से जुड़े इन चार क्षेत्र के निर्यातकों हेतु यह योजना 31 मार्च 2012 तक के लिए बढ़ा दिया गया.
ज्ञातव्य हो कि भारतीय रिजर्व बैंक ने निर्यातकों को रुपये में मिलने वाले बैंक कर्ज पर दो प्रतिशत ब्याज सब्सिडी की सुविधा 1 अप्रैल 2010 से एक वर्ष के लिए दी थी. इसकी अवधि 31 मार्च 2011 को खत्म हो गई थी. भारतीय रिजर्व बैंक ने वैश्विक मंदी से निर्यात पर पड़ने वाले असर को कम करने के लिए एवं अंतरराष्ट्रीय बाजार में उनकी प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता को बनाए रखने हेतु इस योजना को समय-विस्तार दिया.
भारतीय निर्यातकों के संगठन फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गनाइजेशंस (FIEO: Federation of Indian Export Organisations, फियो) ने भारतीय रिजर्व बैंक के इस कदम का स्वागत किया पर उनके अनुसार यह सुविधा सभी श्रम आधारित उद्योगों को मिलनी चाहिए.
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